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पटना से ही रिमोट दबा नाला भी बनवा लीजियेगा क्या साहब

पांच दिसंबर को पटना से रिमोट दबा डिप्टी सीएम ने किया था शिलान्यास 14 दिसंबर को बुडको ने किया काम शुरू, सात दिनों में सौ मीटर नाला खोद छोड़ दिया, खराब हो गया पोकलेन सहरसा : उपमुख्यमंत्री जी, क्या शहर में नाले का निर्माण भी पटना से ही रिमोट दबा कर देंगे. आपने इसी महीने […]

पांच दिसंबर को पटना से रिमोट दबा डिप्टी सीएम ने किया था शिलान्यास

14 दिसंबर को बुडको ने किया काम शुरू, सात दिनों में सौ मीटर नाला खोद छोड़ दिया, खराब हो गया पोकलेन
सहरसा : उपमुख्यमंत्री जी, क्या शहर में नाले का निर्माण भी पटना से ही रिमोट दबा कर देंगे. आपने इसी महीने के चार दिसंबर को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरयल हॉल से रिमोट दबा कर जिले के ड्रेनेज सिस्टम का शिलान्यास किया था. लेकिन शिलान्यास के बाद काम शुरू नहीं हुआ. दस दिनों के बाद यहां बुडको के प्रोजेक्ट मैनेजर राघवेंद्र रेड्डी ने भूमि पूजन कर काम की शुरुआत की, लेकिन सात दिनों में बमुश्किल सौ मीटर की खुदाई कर नीचे आधी-अधूरी स्थिति में ही ईंट सोलिंग की जा सकी है.
दरअसल इतना काम दो से तीन दिनों में ही कर लिया गया था, लेकिन बुडको की पोकलेन मशीन ही खराब हो गयी थी. खराब पोकलोन मरम्मत के आस में आज भी वहीं पास के तालाब के पास पड़ी हुई है. बुडको के अधिकारी-कर्मचारी व मजदूर पोकलेन के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं. 14 दिसंबर को काम शुरू होने के साथ यह भी कहा गया था कि अगले सप्ताह शहर के अन्य हिस्सों में भी काम शुरू हो जायेगा.
राजनीति करने की मिल जायेगी खुराक: यही हाल रहा तो इस साल भी बारिश के मौसम में भारी तबाही मचेगी. पूरे शहर में वर्षा के पानी से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाएगी. मुहल्ला दर मुहल्ला लोग त्राहिमाम करेंगे. शहरी क्षेत्र में फिर से नाव चलेगी. पानी निकासी को ले जगह-जगह पंपसेट लगेगा. बड़े-बूढ़े, महिला व बच्चे घर में कैद हो जायेंगे. मुख्यमंत्री हवाई सर्वेक्षण करेंगे. सत्ताधारी व विपक्ष के नेता तसवीर खिंचवा बयान जारी करेंगे. बरसात के महीने में हुआ जलजमाव अगले चार महीने तक लोगों को सताता रहेगा और नेताओं को राजनीति करने की खुराक एक बार फिर से मिल जायेगी.
एक पोकलेन के भरोसे हो रहा काम
14 दिसंबर को प्रथम चरण में शहर के दक्षिणी छोर स्थित सर्वा ढाला से ड्रेनेज सिस्टम का काम शुरू हुआ. यह उत्तर दिशा की ओर बढ़ता हुआ तिवारी टोला चौक और फिर पॉलिटेक्निक तक जायेगा. पॉलिटेक्निक व तिवारी टोला की ओर से पानी का बहाव सर्वा ढाला की ओर किया जाना है. हर ढाई सौ मीटर नाला निर्माण के बाद ही आगे नाला खोदा जाना है. प्रथम चरण का काम पूरा होने के बाद दूसरे चरण में शहर के दूसरे इलाके में काम शुरू होगा.
इस तरह सात से आठ चरणों में शहर में बड़े नालों का निर्माण होना है. फिर मुहल्लों में नाले का निर्माण करा उसे इस बड़े नाले से जोड़ने की भी योजना है, लेकिन एक पोकलेन के भरोसे शुरू हुए काम की गति इतनी धीमी है कि इस योजना के अगले पांच वर्षों में भी पूरा होना संभव नहीं दिखता है.

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