सहरसा : सदर अस्पताल में जमीन पर नहीं गुजारनी पड़ेगी रात
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अब “10 में ठहरना और “20 में खाना
सहरसा : सदर अस्पताल में जमीन पर नहीं गुजारनी पड़ेगी रात सहरसा : कोसी का प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल में गरीब लोगों को मरीज के इलाज के दौरान इंतजार करने के लिए जमीन पर नहीं सोना पड़ेगा. मामूली शुल्क पर ठहरने के लिए जगह, बेड व खाना मिलेगा. जल्द ही नगर विकास […]
सहरसा : कोसी का प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल में गरीब लोगों को मरीज के इलाज के दौरान इंतजार करने के लिए जमीन पर नहीं सोना पड़ेगा. मामूली शुल्क पर ठहरने के लिए जगह, बेड व खाना मिलेगा. जल्द ही नगर विकास विभाग के सौजन्य से नगर परिषद द्वारा इसकी शुरुआत की जायेगी. गुरुवार को नगर विकास विभाग के सिटी मिशन मैनेजर राजीव झा ने सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह से मिल कर सदर अस्पताल में आश्रय स्थल के लिए जगह की तलाश की गयी. राजीव झा ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा अस्पताल परिसर स्थित दो जगहों का मुआयना किया
अब "10 में…
गया है. सीएस के द्वारा जमीन उपलब्ध करा दी गयी है. जमीन की पूरी जानकारी विभाग को भेजी जा रही है. जल्द ही निर्माण शुरू किया जायेगा.
नगर परिषद द्वारा संचालित आश्रय स्थल में ठहरने के लिए लोगों को दस रुपये व खाना खाने के लिए बीस रुपये का भुगतान करना होगा. उन्होंने बताया कि नगर परिषद अंतर्गत स्वयं सहायता समूह के एरिया लेबल ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा खाना बना कर खिलाया जायेगा. उन्होंने बताया कि आश्रय स्थल में स्वच्छ हवादार कमरे, जल, स्नानागार, शौचालय, समुचित प्रकाश, अग्नि सुरक्षा उपाय, प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध रहेगी.
वहीं शिशुओं की देखभाल के लिए बगल के आंगनबाड़ी केंद्र से मदद ली जायगी. संचालन के लिए एक शेलटर मैनेजर, दो केयरटेकर को प्रतिनियुक्त किया जायेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में थाना चौक स्थित रैन बसेरा को आश्रय स्थल में परिणत किया गया है. जल्द ही वहां भी सभी सुविधाएं मिलने लगेगी.
संचालन के लिए मिलेगा प्रतिवर्ष 6 लाख
मिशन मैनेजर श्री झा ने बताया कि आश्रय स्थल के संचालन के लिए प्रतिवर्ष सरकार के द्वारा छह लाख दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि छह लाख में दो लाख रुपये बुनियादी उपस्कर, 60 हजार रुपये 12 माह के लिए प्रबंधक को, एक लाख 26 हजार रुपये तीन केयर टेकर को, एक लाख बीस हजार रुपये पानी, बिजली, गैस व हाउस कीपिंग में, 90 हजार रुपये पांच व्यक्ति के भोजन के लिए, चार हजार रुपये आकस्मिक चिकित्सा पर खर्च किया जायेगा. आश्रय स्थल के लिए प्रबंधन समिति का गठन किया जायेगा. इसमें स्थानीय वार्ड के सदस्य, नगर निकाय के प्रतिनिधि, सीएलएफ व एएलओ और आश्रयवासियों द्वारा नामित कुछ सदस्य होंगे जो दैनिक कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे.
49 लाख से होगा भवन का निर्माण
मिशन मैनेजर श्री झा ने बताया कि प्रस्तावित जमीन पर 49 लाख की लागत से दो मंजिला भवन का निर्माण किया जायेगा. उन्होंने बताया कि ग्राउंड फ्लोर पर सात कमरा रहेगा, जिसमें 21 बेड लगा रहेगा. इसके अलावे महिला के लिए तीन शौचालय, तीन स्नानागार का निर्माण किया जायेगा. वहीं प्रथम मंजिल पर तीन कमरा जिसमें 26 बेड, महिलाओं के लिए तीन शौचालय, तीन स्नानागार, एक पुरुष शौचालय, दो यूरिनल, जेनेरेटर रूम, दो शौचालय रहेगा. उन्होंने बताया कि जगह के हिसाब से इसे सौ बेड में भी परिणत किया जा सकता है.
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