बालू व्यवसायियों का सड़क से लेकर रेलवे मैदान तक कब्जा
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बदइंतजामी के बीच रोज 50 लाख का कारोबार
बालू व्यवसायियों का सड़क से लेकर रेलवे मैदान तक कब्जा रेलवे की जमीन पर हो रहा बालू डंप, देखनेवाला कोई नहीं सासाराम कार्यालय : र्माण कार्य में बालू का बड़ा योगदान होता है. शहर में इसकी डिमांड भी अधिक है. एक अनुमान के अनुसार, करीब दो सौ ट्रैक्टर बालू प्रतिदिन शहर के अघोषित बालू मंडी […]
रेलवे की जमीन पर हो रहा बालू डंप, देखनेवाला कोई नहीं
सासाराम कार्यालय : र्माण कार्य में बालू का बड़ा योगदान होता है. शहर में इसकी डिमांड भी अधिक है. एक अनुमान के अनुसार, करीब दो सौ ट्रैक्टर बालू प्रतिदिन शहर के अघोषित बालू मंडी में बिकता है. हर दिन करीब 50 लाख रुपये का व्यापार होता है़ इसके बावजूद बालू मंडी को सहेजने के प्रति प्रशासन कोई इंतजाम नहीं कर रहा है. इसका नतीजा है कि मंडी में बेतरतीब खड़े बालू लदे ट्रैक्टर लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं. बेतरतीब खड़े बालू लदे ट्रैक्टर यातायात में बाधक बनते ही है, इससे पुरानी जीटी रोड के किनारे स्थापित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है.
नगर पर्षद वसूलती है टैक्स: ऐसा नहीं कि अघोषित बालू घाट में लगने वाले वाहन मुफ्त में खड़े होते हैं. बजाप्ता नगर पर्षद उन से प्रतिदिन टैक्स वसूलती है. इसके बावजूद बेतरतीब ढंग से बालू लदे ट्रैक्टरों को करीने से खड़ा करने की जहमत नहीं उठाते. उसका नतीजा है कि ट्रैक्टरों के कारण जाम का नजारा बन जाता है.
अन्य व्यवसाय पर भी पड़ता है प्रभाव
पुरानी जीटी रोड के किनारे बड़े-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं. जिनके आगे सुबह से शाम तक बालू लदे ट्रैक्टर खड़े रहते हैं. इससे व्यवसाय भी प्रभावित होता है. ट्रैक्टर को अन्यत्र खड़ा करने की बात पर मारामारी की नौबत आ जाती है. ऐसे में व्यापारी मनमसोस कर रह जाते हैं. पुलिस इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करती़
रेलवे की जमीन का हो रहा इस्तेमाल: बालू के व्यापारी बजाप्ता रेलवे की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. रेलवे मैदान व माल गोदाम के रास्ते में कई जगह डंपिंग स्थल बना चुके हैं. रेलवे की संपत्ति की रक्षा करने वाले ये सब देखते हुए भी अनजान बने रहते हैं. मैदान में बालू का ढेर लगा है, तो सड़क किनारे बालू ही बालू दिखता है़
बालू लदे ट्रैक्टरों से लगता है जाम भी
सुबह चार बजे से ही सजने लगती है मंडी
सुबह चार बजे से ही रेलवे मैदान व उसके सामने पुरानी जीटी रोड के दोनों ओर बालू की मंडी अवैध तरीके से सजने लगती है. सोन नद से रात में चले बालू लदे ट्रैक्टर अंधेरे में ही मंडी में पहुंच जाते हैं. ट्रैक्टरों के खड़े होने से पुरानी जीटी रोड पर जाम भी लग जाता है़ मॉर्निकवाक करनेवालों को पैदल चलना मुश्किल हो जाता है.
कहते हैं अधिकारी
नगर पर्षद अपना टॉल वसूलती है. वाहनों को उनके हद में रखने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग व पुलिस की है. गंदगी होने पर नगर पर्षद सड़क व फुटपाथ की सफाई कराती है.
मनीष कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, सासाराम
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