शनिवार को ही नगर पर्षद, बुडको व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किया है निरीक्षण
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फाइलों में ही सिमट कर न रह जाये नाला निर्माण की योजना
शनिवार को ही नगर पर्षद, बुडको व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किया है निरीक्षण सासाराम कार्यालय : शहर के वार्ड नंबर 10 में निजी नालों के कुप्रबंधन व नगर पर्षद द्वारा इस वार्ड में सार्वजनिक नाले का निर्माण नहीं कराये जाने के कारण जल जमाव की समस्या पहले से ही विकट रही है. इस […]
सासाराम कार्यालय : शहर के वार्ड नंबर 10 में निजी नालों के कुप्रबंधन व नगर पर्षद द्वारा इस वार्ड में सार्वजनिक नाले का निर्माण नहीं कराये जाने के कारण जल जमाव की समस्या पहले से ही विकट रही है. इस समस्या से मुक्ति के लिए शनिवार को नगर पर्षद, बुडको व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से वार्ड क्षेत्र का सर्वेक्षण किया था. सर्वेक्षण में पाया गया कि वार्ड नंबर 10 में नाले का निर्माण ही एक मात्र विकल्प है.
इस निर्णय पर वार्ड के लोगों में खुशी है, पर अंदेशा भी है कि नगर पर्षद का यह निर्णय कहीं अतिक्रमण की भेंट चढ़ कर फाइलों में ही सिमट कर न रह जाये. यदि नाले का निर्माण बरसात से पहले नहीं हुआ, तो वार्ड के लोगों की मुश्किलों में और भी इजाफा होगा. जरूरत है कि फैसले को जल्द धरातल पर उतारा जाये.
इनलेट नहर को भरवाना भी विकट समस्या
नाला निर्माण के बिना इनलेट नहर को भरवाना समस्या को और विकट बनायेगा. इनलेट नहर को भरवा कर सौंदर्यीकरण का विचार तो अच्छा है, पर बगैर नाला बनवाये यह प्लान यथोचित नहीं लगता. क्योंकि, गंदी नालियों का पानी तथा जलजमाव सौंदर्यीकरण में अवश्य ही बाधाएं उत्पन्न करेगा. वार्ड 10 के होल्डिंगधारी अपने घरों के आगे गढ्ढे खुदवा कर अपनी नाली का स्वयं प्रबंधन करते हैं. जो उनकी मजबूरी है. लेकिन, यह कई समस्याओं को जन्म देता है. गढ्ढे खुले होने के कारण पुन: कुछ दिनों में भर जाते हैं, और गंदा पानी आस-पास में फैल कर जलजमाव की समस्या खड़ी करता है. इस कारण वार्ड में मच्छरों की भरमार है.
अंदरुनी कलह अौर राजनीति में उलझी नप
दरअसल नगर पर्षद पूरे वर्ष अंदरूनी कलह व राजनीति में उलझा रहता है. नगर पर्षद के अधिकारी बदलते रहते हैं, पर उनकी कार्यशैली में बदलाव नहीं आता है. न तो शहर में नालियों की सफाई होती है और न ही कूड़े का उठाव ही होता है. बाजार, बस स्टैंड व वार्डों की स्थिति हमेशा ही पहले की तरह रहती है. गौरतलब है कि पिछले वर्षों में होल्डिंग टैक्स में लगातार वृद्धि होती रही है, पर उस अनुपात में नगरवासियों को सुविधाएं मुहैया नहीं करायी जा रही हैं. होल्डिंग में कमरों की बढ़ोतरी पर तो नगर पर्षद की पैनी नजर होती है़
यदि नाला नहीं बना तो आनेवाले बरसात में स्थिति नारकीय हो जायेगी. घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जायेगा.
जय प्रकाश गुप्ता, व्यवसायी
नप के अधिकारियों की नजर एलॉटमेंट पर ज्यादा होती है, अपने कर्तव्यों पर नहीं. नाले की योजना पर शीघ्र काम जरूरी है.
राजेश्वरी कुमारी वर्मा, गृहिणी
अब आंदोलन ही एक मात्र सहारा रह गया है. वार्ड 10 में कूड़ा उठाने के लिए एक भी कर्मचारी की नियुक्त नहीं की गयी है.
रंजीत कुमार, व्यवसायी
यदि नप एक मच्छर भी नहीं मार सकती तो यह कितनी बेकार संस्था हो गयी है इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है.
लालमुनी देवी, गृहिणी
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