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12 दिनों में सात लोगों की मौत, 16 घायल
पूर्णिया : जैसे-जैसे सड़कें चिकनी व सपाट होती जा रही हैं, सड़क दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी होती जा रही है. तेज रफ्तार व ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं होने की वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं और लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं. यह दीगर बात है कि परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा […]
पूर्णिया : जैसे-जैसे सड़कें चिकनी व सपाट होती जा रही हैं, सड़क दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी होती जा रही है. तेज रफ्तार व ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं होने की वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं और लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं. यह दीगर बात है कि परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा सप्ताह के माध्यम से लोगों में सुरक्षित यातायात को लेकर बीते सप्ताह ही अभियान चला चुका है. हैरानी की बात यह है कि एक तरफ सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा था, तो दूसरी तरफ जिले में विभिन्न हादसे में बीते 08 दिनों में छह लोगों की मौत हो गयी और 16 लोग घायल हो चुके हैं. जिले की ग्रामीण सड़कें हो या स्टेट हाइवे या फिर राष्ट्रीय उच्च पथ सड़क दुर्घटना के आंकड़े बता रहे हैं कि सड़कों पर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं.
तेज रफ्तार ले रही है लोगों की जान : सबसे बड़ी समस्या यह है कि तेज रफ्तार वाहन चालकों का शगल बन चुका है. इस वजह से चालक अपना नियंत्रण वाहन से खो रहे हैं, जो हादसे का सबब बन रहा है. सड़क दुर्घटनाओं के अधिकतर मामले ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण ही होते हैं.
एक अध्ययन के अनुसार, 70 से 80 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं जिसमें लोगों की जान जाती है, दूसरों की गलती की वजह से होती है. इसमें गलत साइड में ड्राइविंग, ओवरटेक आदि शामिल है. हाल के दिनों में तेज रफ्तार का चलन बढ़ा है. खासकर युवा वर्ग के लोग रफ्तार के शिकार हो रहे हैं.
टीन एजर्स बिना लाइसेंस दौड़ा रहे हैं वाहन : स्थिति यह है कि शहर से लेकर गांव तक बिना लाइसेंस के भी धड़ल्ले से वाहन चलाये जा रहे हैं. कम उम्र के लड़के अक्सर वाहन की सवारी करते देखे जा सकते हैं. जाहिर है कि इनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता है. ऐसे युवक लहरिया कट बाइक चलाते देखे जा सकते हैं. इसके अलावा जिन लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी है, वे ट्रैफिक नियमों से अनजान होते हैं. ऐसे में परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठना लाजिमी है. जब भी वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाता है, तो ऐसा अक्सर देखने को मिलता है कि सड़क से अचानक ही वाहन गायब हो जाते हैं. वजह साफ होती है कि कागजात से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस तक की जांच होती है और लोग पकड़े जाने के भय से वाहन के परिचालन से बचने लगते हैं.
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