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पांच करोड़ की लागत से बनी गंगा-दािर्जलिंग सड़क छलावा

पूर्णिया : जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए और शहर वासियों के यातायात को सुगम बनाने के लिए पांच करोड़ की राशि से बनी गंगा-दार्जिलिंग सड़क अब आम लोगों के लिए छलावा और परेशानी का सबब बनता जा रहा है. 15 मीटर चौड़ी बनी इस सड़क से पंद्रह महीने बाद भी लोगों की […]

पूर्णिया : जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए और शहर वासियों के यातायात को सुगम बनाने के लिए पांच करोड़ की राशि से बनी गंगा-दार्जिलिंग सड़क अब आम लोगों के लिए छलावा और परेशानी का सबब बनता जा रहा है. 15 मीटर चौड़ी बनी इस सड़क से पंद्रह महीने बाद भी लोगों की अपेक्षाएं आधी-अधूरी है.

इसकी वजह यह है कि यह पूरी तरह अतिक्रमण का शिकार हो चुकी है. इस सड़क का सूरते-हाल यह है कि दिन निकलने के बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है, सड़क गुम होती चली जाती है. गौरतलब है कि गंगा -दार्जिलिंग सड़क का अतिक्रमण से वर्षों पुराना रिश्ता रहा है. जनप्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन के लाख कवायद के बावजूद अतिक्रमण बरकरार है. हालात यह है कि कई जगह सड़क अतिक्रमण के कारण संकरा हो गया है. नाला निर्माण को लेकर संवेदक नहीं मिल रहा है. जहां सड़क बनी है, वहां हर रोज दुकानें सजती है और जाम का सिलसिला भी हर रोज बरकरार रहता है. इस सड़क को लेकर कई बार आंदोलन भी हो चुका है. गुरुवार को भी स्थानीय लोग एवं व्यवसायियों ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर सड़क पर बैठ कर धरना दिया.
अधर में है नाला निर्माण का कार्य
हालात यह है कि गंगा दार्जिलिंग सड़क के दोनों तरफ नाला निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार है. हुडा द्वारा अब चार बार निविदा निकाली जा चुकी है. लेकिन संवेदक नहीं मिल रहे हैं. विभाग भी सड़क पर अतिक्रमण और नाला के निर्माण के प्रति चुप्पी साधे बैठा है. इस संबंध में बताया जा रहा है कि जहां नाला बनना है वहां कई जगहों पर अतिक्रमण है. अलबत्ता कोई भी संवेदक पचड़े में नहीं पड़ना चाहता. वहीं निगम से लेकर जिला प्रशासन तक की चुप्पी नहीं टूट रही है.
सड़क पर जमा होता है गंदा पानी
स्थिति यह है कि एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी विभाग को नाला निर्माण के लिए संवेदक नहीं मिला. न ही विभागीय स्तर पर कोई ठोस पहल ही की गयी. आलम यह है कि लाइन बाजार से रजनी चौक तक जाने वाली गंगा-दार्जिलिंग सड़क किनारे कच्ची नालियों से घरों का गंदा पानी बाहर निकल कर बीच सड़क पर जमा हो जाता है. बेबसी का आलम यह है कि प्रतिदिन इस राह से गुजरने वाले हजारों राहगीरों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है. इतना ही नहीं इसी राह में मंदिर और मसजिद में जाने वाले भी इस गंदे पानी से ही होकर गुजरते हैं. अब भी अगर इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो लोगों का गुस्सा कभी भी फूट सकता है.
अतिक्रमण बनी है सबसे बड़ी समस्या बािधत पड़ा है सड़क िनर्माण
गंगा-दार्जिलिंग सड़क अतिक्रमण से कराह रहा है. आम लोगों की नीयत ही ठीक नहीं है, जिसका परिणाम है कि सड़क निर्माण बाधित पड़ा हुआ है. लोगों की नीयत तो ऐसी है कि सड़क पर ही दुकान सजती है. पूरे सड़क पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. करीब पांच माह पहले डीएम द्वारा अधिकारियों को सड़क की मापी करा कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन सच यह है कि दिनोदिन अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. सड़क के दोनों किनारे नर्सिंग होम और डॉक्टर का क्लिनिक तथा दवा दुकान है. इन लोगों का कब्जा सड़क के किनारे तक है. बाद बांकी कसर दुकानदार पूरी कर रहे हैं. दुकानें सड़क पर सजती है और वाहन भी सड़क पर ही लगती है.

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