बायसी प्रखंड में अवस्थित यह चेकपोस्ट बंगाल की सीमा से सटा है. यही कारण है कि यहां संचालित होने वाले अधिकतर काले कारनामों में अंतरराज्यीय गिरोह की सक्रियता रहती है.
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दालकोला चेकपोस्ट. परिचारी से लेकर अधिकारी तक हो रहे मालामाल और सरकार कंगाल
बायसी प्रखंड में अवस्थित यह चेकपोस्ट बंगाल की सीमा से सटा है. यही कारण है कि यहां संचालित होने वाले अधिकतर काले कारनामों में अंतरराज्यीय गिरोह की सक्रियता रहती है. पूर्णिया : दालकोला चेकपोस्ट यानि परिवहन और सेल टैक्स विभाग से जुड़े जिले के अधिकारी व कर्मियों की पहली पसंद बन चुका है. इसकी मूल […]
पूर्णिया : दालकोला चेकपोस्ट यानि परिवहन और सेल टैक्स विभाग से जुड़े जिले के अधिकारी व कर्मियों की पहली पसंद बन चुका है. इसकी मूल वजह यह है कि तस्करी से जुड़े हर काले कारोबार की शुरुआत जिले में यहीं से होती है. जिले के बायसी प्रखंड में अवस्थित यह चेकपोस्ट बंगाल की सीमा से सटा है. यही कारण है कि यहां संचालित होने वाले अधिकतर काले कारनामों में अंतरराज्यीय गिरोह की सक्रियता रहती है. वही इस पर नियंत्रण पाना प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है.
सूत्र बताते हैं कि यहां पदस्थापित परिचारी से लेकर अधिकारी तक मालामाल हो रहे हैं. जबकि अधिकारियों के इस कृत्य के कारण राज्य सरकार को हर माह करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है.
तस्करी व अवैध इंट्री का केंद्र बिंदू बना है चेकपोस्ट : दालकोला चेकपोस्ट की एक पहचान अब जिले में तस्करी के हर काले कारोबार के केंद्र बिंदू के रूप में स्थापित हो चुकी है. जानकार बताते हैं कि जिले में किसी भी प्रकार की तस्करी का मामला क्यों न हो, सबके लिंक कहीं न कहीं दालकोला चेकपोस्ट से ही जुड़े होते हैं. इसी चेकपोस्ट से हर तरह की तस्करी होती है.
इसी रास्ते से होती है शराब की तस्करी
दालकोला चेकपोस्ट के रास्ते जिले में गिट्टी, बालू, बेडमिसाली, कोयला और यहां तक की शराब की भी अवैध तस्करी होती है. इस चेकपोस्ट के रास्ते शराब बंगाल के विभिन्न हिस्सों से आपूर्ति की जाती है. जिसकी गवाही शराबबंदी के बाद से खुद बायसी पुलिस के आंकड़े बयां करते हैं. इसमें दिलचस्प यह है कि बायसी में बरामद अधिकतर शराब चेकपोस्ट के पार ही पकड़े गये हैं,
जिसमें बड़ी खेप भी शामिल है. इसके अलावा बंगाल के चंपासाढ़ी तथ झारखंड के पाकुड़ से गिट्टी सीमांचल के इस इलाके में पहुंचाया जाता है. वही घोष पोखर से गिट्टी और बेडमिसाली दानों की आपूर्ति होती है. बालू किशनगंज के आसपास के इलाके से मंगाया जाता है. चेकपोस्ट के रास्ते असम तथा मेघालय से बिना चालान ही कोयला भी पार कराया जाता है. फिलहाल कोयला की तस्करी जोरों पर है. वहीं इन सब से अधिकारी भी भली भांती वाकिफ होते हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है.
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