उम्मीद. बारिश के मामले में कोसी-सीमांचल में अब तक टॉप पर चल रहा पूर्णिया जिला
Advertisement
किसानों को अब भी बारिश का इंतजार
उम्मीद. बारिश के मामले में कोसी-सीमांचल में अब तक टॉप पर चल रहा पूर्णिया जिला बारिश के मामले में पूर्णिया इस वर्ष अब तक कोसी और सीमांचल के इलाके में टॉप पर चल रहा है. इतना ही नहीं हाल के तीन वर्षों की तुलना की जाये तो इस वर्ष मॉनसून पूर्णियावासियों के लिए मेहरबान रहा […]
बारिश के मामले में पूर्णिया इस वर्ष अब तक कोसी और सीमांचल के इलाके में टॉप पर चल रहा है. इतना ही नहीं हाल के तीन वर्षों की तुलना की जाये तो इस वर्ष मॉनसून पूर्णियावासियों के लिए मेहरबान रहा है.
पूर्णिया : जून माह से अब तक 840.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो पूर्णिया व कोसी प्रमंडल के सभी सात जिलों में सर्वाधिक है. जबकि मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि बीते 05-07 वर्षों में बारिश के मामले में कोसी और पूर्णिया प्रमंडल में अररिया शीर्ष पर रहा है. लेकिन इस बार पूर्णिया ने उसे भी पछाड़ दिया है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में किसानों को अभी भी बारिश का इंतजार है. किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये हुए हैं. वही अब तक किसानों के लिए डीजल अनुदान की व्यवस्था भी नहीं की गयी है.
कोसी-सीमांचल में टॉप पर है पूर्णिया
बारिश के मामले में पूर्णिया अब तक कोसी और पूर्णिया प्रमंडल में टॉप पर है. मॉनसून आरंभ होने के बाद जून महीने में पूर्णिया में बारिश का आंकड़ा 192.8 मिलीमीटर था. जो जुलाई में बढ़ कर 516.9 मिलीमीटर हो गया. वही सोमवार तक जिले में मॉनसून के दौरान कुल बारिश 840.8 मिलीमीटर दर्ज की गयी. गत तीन वर्षों की तुलना में भी इस साल के मॉनसून की बारिश सर्वाधिक रही है. वर्ष 2014 में जहां 22 अगस्त तक 553.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी थी. वही वर्ष 2015 में यह आंकड़ा गिर कर 544.4 मिलीमीटर हो गया. इस प्रकार कहा जा सकता है कि इस साल मॉनसून पूर्णिया वासियों पर मेहरबान रहा है.
एक सप्ताह बाद आरंभ होगी डीजल अनुदान वितरण प्रक्रिया
सामान्य तौर पर डीजल अनुदान का वितरण जून माह से आरंभ कर दिया जाता है. लेकिन इस वर्ष मॉनसून के मेहरबानी की वजह से अब तक इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी है. हालांकि बीते एक सप्ताह से मॉनसून की बेरुखी व धूप के कड़े तेवर के बाद किसानों की बेचैनी बढ़ गयी है. इधर जिला कृषि विभाग ने भी किसानों के बीच डीजल अनुदान वितरण को लेकर तैयारी आरंभ कर दी है. इसके लिए विभाग को पूर्व से ही आवंटन प्राप्त हो चुका है,
जिसका उप आवंटन प्रखंड कृषि पदाधिकारी को करने की तैयारी हो रही है. इसके तहत सामान्य कोटी में 02 करोड़ 05 लाख 38 हजार, अनुसूचित जाति के लिए 52 लाख 66 हजार 200 तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए 05 लाख 26 हजार 800 रुपये का आवंटन जिला कृषि कार्यालय को प्राप्त हुआ है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि उक्त आवंटित राशि का उप आवंटन होने के उपरांत ही डीजल अनुदान के लिए किसानों से आवेदन प्राप्त किया जायेगा, जिसका भुगतान किसानों के बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से होगा.
खेत में लगी धान की फसल को बारिश का इंतजार
बेहतर मॉनसून के कारण जिले अब तक डीजल अनुदान वितरण की आवश्यकता महसूस नहीं हुई है. हालांकि बीते एक सप्ताह से मौसम के बदले मिजाज के बाद इसकी तैयारी आरंभ कर दी गयी है. आवंटित राशि का उप आवंटन कर किसानों से आवेदन प्राप्त किया जायेगा. प्रक्रिया एक सप्ताह में आरंभ कर दी जायेगी.
दिनेश प्रसाद सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, पूर्णिया
बीते तीन वर्षों में हुई बारिश (22 अगस्त तक)
वर्ष 2016 840.8 मिलीमीटर
वर्ष 2015 544.4 मिलीमीटर
वर्ष 2014 553.6 मिलीमीटर
इस वर्ष मॉनसून में हुई बारिश
01 से 30 जून तक 192.8 मिलीमीटर
01 से 31 जुलाई तक 324.1 मिलीमीटर
01 से 22 अगस्त तक 323.9 मिलीमीटर
फसल को अब है पटवन की जरूरत
जिले में भले ही मॉनसून का आंकड़ा उसके मेहरबानी को दर्शा रहा हो, लेकिन कई इलाकों में किसानों को अब भी बेहतर बारिश का इंतजार है. धान का बिचड़ा लगाने के वक्त जिले के सभी इलाकों में लगभग समान रूप से बारिश हुई. लेकिन अब फसल को पटवन की जरूरत है, तो कई इलाकों में बारिश थम सी गयी है.
नतीजा है कि किसान परेशान हैं और पटवन के लिए अन्य साधनों की ओर नजर टिकाने लगे हैं. जिन इलाकों में बारिश हुई भी है, वहां भी गत एक सप्ताह से मॉनसून उदासीन है. गत एक सप्ताह में सर्वाधिक 3.2 मिलीमीटर बारिश रविवार को दर्ज की गयी. शेष दिनों में यह आंकड़ा शून्य से 01 मिलीमीटर के बीच ही रहा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement