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गांव छोड़ पलायन करने को विवश हुए लोग

प्रकृति का टूटा कहर. पूिर्णया िजले में बाढ़ का तांडव, बेतरतीब पानी से ग्रामीण सड़कें तहस-नहस पूिर्णया िजले के कई प्रखंड बाढ़ के पानी की चपेट में हैं. इस कारण एक ओर जहां लोगों का प्रखंड व िजला मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण गांव से पलायन करने को िववश […]

प्रकृति का टूटा कहर. पूिर्णया िजले में बाढ़ का तांडव, बेतरतीब पानी से ग्रामीण सड़कें तहस-नहस
पूिर्णया िजले के कई प्रखंड बाढ़ के पानी की चपेट में हैं. इस कारण एक ओर जहां लोगों का प्रखंड व िजला मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण गांव से पलायन करने को िववश हैं. हालांिक प्रशासन की ओर से गांवों में नाव की व्यवस्था करायी गयी है, पर ये नाकाफी है.
अमौर : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाली कनकई, महानंदा, परमान, दास एवं बकरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 05 से 15 सेमी ऊपर बह रहा है. इस वजह से गांव में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. घरों में पानी घुसने के बाद लोगों ने पलायन आरंभ कर दिया है.
लोग महिला एवं बच्चों को उंचे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद में जुटे हुए हैं. सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालकों को हो रही है. पशुओं के चारा के लिए पशुपालकों को काफी कठिनाई को सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के पानी गांव में घुसने से ग्रामीण सड़के तहस नहस हो गई है तथा कई पुल पुलियों पर खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ से करीब दर्जनो पंचायत प्रभावित है.
कनकई नदी में कटाव के कारण ज्ञानडोभ पंचायत के पैठानटोली और मोदी टोला सिमलबाडी के दर्जनो परिवारों के कच्चे मकान नदी में विलीन हो चुके हैं. पीड़ित परिवार के सदस्य रिजवान आलम, मतीउर्रहमान, सोहराब, अनीश आलम, अशद, मोईब आलम, प्रवेज आलम, मसो नसीमा, मसो दुखिया, इजहारूल एवं तौहिद आलम खुले आसमान के नीचे परिवार के साथ समय बीताने को मजबूर हैं. वहीं पैठानटोली में पुल के समीप जाकिर का मील, अब्दुल रज्जाक, रौशन आरा एवं रामजी ऋषि का घर कटाव के कगार पर है.
पलसा चौक पीडब्लूडी सड़क से रंगरैया लालटोली जाने वाली प्रधान मंत्री सड़क के उपर से पानी बहने के कारण पलसा गांव में पानी प्रवेश कर गया है. इस संदर्भ में अंचलाधिकारी आर के शर्मा ने बताया कि बाढ से प्रभावित पीड़ित परिवारों के लिए आठ राहत केंद्र बनाये गए हैं. इसमें वर्तमान में मध्य विद्यालय पैठानटोली एवं मध्य विद्यालय रंगरैया लालटोली में राहत शिविर शुक्रवार से आरंभ हो गया है. इसमें पीड़ित परिवारों को रहने खाने-पीने एवं रात्रि विश्राम हेतु रोशनी की व्यवस्था की गयी है.
साथ ही उन्होंने बताया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए संभावित जगहों पर अब तक 30 नाव को परिचालन के लिए भेजा जा चुका है एवं 8 नावों की मांग उच्च पदाधिकारी से की गयी है.
पूर्णिया पहुंची एनडीआरएफ की टीम: जिले के बायसी अनुमंडल में बाढ़ के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम बुला ली है. एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार की अहले सुबह पूर्णिया पहुंची. जिसे बायसी अनुमंडल के लिए रवाना कर दिया गया. बताया गया कि टीम में कुल 40 सदस्य हैं. इसके अलावा एसडीआरएफ की 41 सदस्यीय टीम को भी बायसी में तैनात किया गया है. दोनों टीमों को अनुमंडल के बायसी, बैसा, अमौर व डगरुआ प्रखंड में बाढ़ राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है.
पंचायतों में तेजी से फैल रहा है बाढ़ का पानी : बैसा. कनकई एवं महानंदा के जलस्तर में वृद्धि के कारण प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. धुसमल पंचायत के मुखिया सिकंदर आलम उर्फ दारा ने बताया कि पंचायत के अधिकांश हिस्से में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है और कई जगहों पर कच्ची सड़कें समाप्त हो चुकी है. इसी तरह चंदेल पंचायत के मुखिया जाकिर आलम, सिरसी पंचायत के मुखिया शमशाद आलम ने बताया कि तेजी से पंचायत के हिस्से बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं.
इसी प्रकार की स्थिति चंदवार पंचायत तथा मालोपाड़ा पंचायत में है, जहां बड़ी संख्या में लोग बाढ़ से विस्थापित हुए हैं. प्रशासनिक स्तर पर भी अधिकारियों द्वारा बाढ़ क्षेत्रों का दौरा लगातार जारी है. अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर चलाया जा रहा है. जरूर पड़ने पर और भी इसकी संख्या बढ़ायी जायेगी.

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