मुसीबत. यही हाल रहा, तो मानसून की बारिश में डूब जायेगा शहर, जल निकासी व्यवस्था की खुली पोल
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बारिश के बाद वार्डों में दिखा बाढ़ जैसा नजारा
मुसीबत. यही हाल रहा, तो मानसून की बारिश में डूब जायेगा शहर, जल निकासी व्यवस्था की खुली पोल गुरुवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया. शहर के लगभग सभी वार्डों में जलजमाव की समस्या आम हो गयी. कई मुहल्लों में सड़कों पर घुटने से अधिक पानी जम गया. वहीं कुछ […]
गुरुवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया.
शहर के लगभग सभी वार्डों में जलजमाव की समस्या आम हो गयी. कई मुहल्लों में सड़कों पर घुटने से अधिक पानी जम गया. वहीं कुछ मुहल्लों में स्थिति इतनी भयावह हो गयी कि नाले का पानी लोगों के घर के अंदर तक प्रवेश कर गया. महज ढ़ाई घंटे की बारिश ने वार्डों में बाढ़ जैसा नजारा ला दिया.
पूर्णिया : अभी मानसून उतरा भी नहीं है और शहर में जल निकासी की व्यवस्था सवालों के घेरे में है. दरअसल गुरुवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया. शहर के लगभग सभी वार्डों में जलजमाव की समस्या आम हो गयी. कई मुहल्लों में सड़कों पर घुटने से अधिक पानी जम गया.
वही कुछ मुहल्लों में स्थिति इतनी भयावह हो गयी कि नाले का पानी लोगों के घरों के अंदर तक प्रवेश कर गया. महज ढ़ाई घंटे की बारिश ने वार्डों में बाढ़ जैसा नजारा ला दिया. जाहिर है कि मानसून के पूर्व की बारिश ने ही लोगों को मानसून के मौसम में होने वाली परेशानी से रूबरू करा दिया है. हर तरफ बस एक ही चर्चा थी कि नगर निगम की उदासीनता का अगर यही हाल रहा तो सचमूच मानसून की बारिश में शहर डूब जायेगा. गौरतलब है कि गुरुवार को हुई बारिश 45.59 एमएम दर्ज की गयी.
नाला नहीं, सड़कों के रास्ते हुई जल निकासी
गुरुवार की सुबह हुई झमाझम बारिश के बाद जल निकासी को लेकर नगर निगम की व्यवस्था की पोल भी खुलती नजर आयी. दरअसल शहर के विभिन्न वार्डों में निगम द्वारा एक ओर करोड़ों की लागत से नये नालों का निर्माण कराया जा रहा है. वही दूसरी ओर जो नाले हैं, उनकी नियमित तौर पर सफाई नहीं की जाती है.
इसी का फलाफल रहा कि गुरुवार को हुई बारिश के बाद पानी नालों के बजाय सड़कों के रास्ते ही निकली. सड़कों पर सुबह घुटनों तक पानी जमा हो गया था, जो दोपहर बाद कुछ कम हुआ. वही कई मुहल्लों में देर शाम तक भी सड़कों पर पानी जमा रहा, जिसके कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा. इस जमाव की समस्या से खास कर महिलाओं व बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
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