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वार्ड में लगती है अनावश्यक भीड़, साफ-सफाई की भी रहती कमी

गुरुवार को दोपहर के लगभग 02:15 बज रहे थे. मरीज के बिस्तर पर पांच से छह लोग बैठे व लेटे हुए थे. ऐसे में यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि प्रसूता कौन है और उसके परिजन कौन हैं. एक मरीज का परिजन बिस्तर पर ही बैठ कर भोजन कर रहा था. बताया कि आखिर […]

गुरुवार को दोपहर के लगभग 02:15 बज रहे थे. मरीज के बिस्तर पर पांच से छह लोग बैठे व लेटे हुए थे. ऐसे में यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि प्रसूता कौन है और उसके परिजन कौन हैं. एक मरीज का परिजन बिस्तर पर ही बैठ कर भोजन कर रहा था. बताया कि आखिर हम भोजन करें तो कहां करें, हर जगह गंदगी पसरी हुई है. वार्ड के अंदर भी मक्खियां भिनभिना रही थी. पूछने पर मरीजों ने बताया कि साफ-सफाई के लिए नियमित रूप से यहां कोई नहीं आता है.

गरीब तबके की प्रसूताओं के लिए सदर अस्पताल का मेटरनिटी वार्ड यातनाओं की जगह बन गयी है. यहां प्रसूताओं की खोज खबर लेने वाला भी कोई नहीं होता.
पूर्णिया : शाह देवी एवं खिखरी देवी जैसी कई प्रसूता है, जो सदर अस्पताल के मेटरिनटी वार्ड की कुव्यवस्था की शिकार हर रोज हो रही है. सुरक्षित प्रसव की आस में ढेर सारे सपने लिए जब यहां दूर-दराज से प्रसूता पहुंचती है तो उन्हें यहां अग्निपरीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है. प्रसूताओं की मानें तो गर्भावस्था के आरंभिक दिनों से अब तक जो परेशानी नहीं होती है, वह परेशानी सदर अस्पताल आकर महसूस होती है.
समस्या यह है कि सदर अस्पताल पहुंचने वाली प्रसूताओं में अधिकांश वह होती है, जो किसी न किसी पेचीदगी से ग्रसित होती है. लेकिन यहां जिस तरह की सुविधाएं और देखभाल मुहैया की जाती है, वह कहीं से भी स्तरीय नहीं है. कई मामले में तो यहां हर रोज मानवीय संवेदना तार-तार होती है. लेकिन विभाग इस मामले में मूकदर्शक बनी रहती है. परेशान प्रसूताओं एवं मरीजों के जख्मों पर मरहम रखने वाला यहां कोई नहीं है.
परिजनों ने लगाया अवैध वसूली का आरोप : मेटरनिटी वार्ड में प्रसव हेतु आने वाले प्रसूताओं का प्रसव तब तक नहीं किया जाता है,जब तक कि वार्ड में स्वास्थ्य कर्मियों को एक निश्चित राशि चढ़ावा के रूप में नहीं दिया जाता है. वार्ड में भरती एक प्रसूता के परिजन ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि प्रसव पीड़ा से बेचैन होने के बाद भी तब तक प्रसव के लिए अंदर नहीं किया जाता है,जब तक तयशुदा राशि नहीं ले ली जाती है.
इसके बाद वापस लौटते समय बख्शीश के नाम पर अलग से राशि ली जाती है. प्रसव की आस में बैठे एक मरीज के परिजन ने बताया कि बाहर में कई बिचौलिए भी तैनात रहते हैं.बिचौलिये द्वारा अच्छे डॉक्टर से सस्ते में प्रसव कराने का प्रलोभन दिया जाता है. एक मरीज ने बताया कि आशा के साथ साथ अस्पताल के कई कर्मी भी बिचौलियागिरी में संलिप्त हैं.

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