अब हाइजीनिक होगा एमडीएम
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योजना. राज्य सरकार कर रही पहल, विद्यालयों में बनेंगे किचेन गार्डेन
अब हाइजीनिक होगा एमडीएम बच्चों में एनीमिया व रतौंधी की बीमारी की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से पहल की जा रही है. इसके तहत प्रारंभिक िवद्यालयों में िकचेन गार्डेन बनाने की योजना है. िफलहाल यह जलालगढ़ में चल रही है. पूर्णिया : राज्य सरकार की ओर से प्रारंभिक विद्यालयों में वर्ग 01 […]
बच्चों में एनीमिया व रतौंधी की बीमारी की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से पहल की जा रही है. इसके तहत प्रारंभिक िवद्यालयों में िकचेन गार्डेन बनाने की योजना है. िफलहाल यह जलालगढ़ में चल रही है.
पूर्णिया : राज्य सरकार की ओर से प्रारंभिक विद्यालयों में वर्ग 01 से 08 तक के बच्चों के लिए संचालित अंकुरण परियोजना के तहत जिले के 10 विद्यालयों को जोड़ा जा रहा है. विभागीय स्तर पर इसके लिए कवायद भी तेज कर दी गयी है. यह परियोजना सभी प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित होनी है.
प्रथम चरण में 10 विद्यालयों का चयन हुआ है. चयनित सभी विद्यालय जलालगढ प्रखंड के हैं. फिलहाल इन विद्यालयों में आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है. इसके बाद योजना लागू कर दी जायेगी. इसके तहत विद्यालयों में सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त साग-सब्जी व फल का उत्पादन किया जायेगा. योजना का मूल उद्देश्य स्कूली बच्चों को हाइजीनिक एमडीएम उपलब्ध कराना है, ताकि वे एनीमिया व रतौंधी जैसे रोग से दूर रह सकें.
यूनिसेफ के सहयोग से संचालित होगी परियोजना : राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश के तहत मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय की ओर से यूनिसेफ के बाल विकास एवं पोषण विभाग के सहयोग से अंकुरण परियोजना का संचालन किया जायेगा. इसमें तकनीकी सहयोग समस्तीपुर के राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा तथा कृषि विज्ञान केंद्र आत्मा (कृषि विभाग) की ओर से प्रदान किया जायेगा. योजना के तहत विद्यालय परिसर में हरी साग-सब्जी व फल की खेती की जायेगी. इसमें जैविक खाद का प्रयोग किया जायेगा. विद्यालयों में उपजी साग-सब्जियों का प्रयोग एमडीएम का भोजन तैयार करने के लिए होगा.
बच्चों में एनीमिया की बीमारी दूर करना उद्देश्य
इन स्कूलों का चयन
मध्य विद्यालय जलालगढ़
मध्य विद्यालय कठैली
मध्य विद्यालय भठैली
मध्य विद्यालय एकंबा
मध्य विद्यालय डुमरा
मध्य विद्यालय सांपा
मध्य विद्यालय चक
मध्य विद्यालय सौंठा
मध्य विद्यालय डिहिया
मध्य विद्यालय बथनाहा
प्राथमिक विद्यालयों में किचेन गार्डेन के निर्माण का मूल उद्देश्य बच्चों से एनीमिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या को दूर करना है. दरअसल एनीमिया बच्चों में खून की कमी से होती है, जिसका मूल कारण पोषण युक्त भोजन की कमी है. कुपोषित बच्चे रक्त की कमी के कारण कमजोर पड़ जाते हैं और उनकी शारीरिक व मानसिक क्षमता में भी गिरावट आ जाती है. इस रोग से बचाव के लिए फिलहाल केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से विद्यालयों में साप्ताहिक रूप से आयरन फोलिक एसिड गोली के रूप में दिया जाता है. यह गोली अनुपूरण कार्यक्रम के तहत वितरित किया जाता है.
लेकिन आपूर्ति के अभाव अथवा बच्चों की ओर से नियमित रूप से सेवन नहीं करने की स्थिति में बच्चे एनीमिया के शिकार हो जाते हैं और एनीमिया के वृद्धि दर में कमी नहीं आ पाती है. लिहाजा राज्य सरकार ने इस योजना के साथ ही अंकुरण परियोजना को भी संचालित करने का निर्णय लिया है.
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