केनगर: कृत्यानंद नगर अंचल अंतर्गत गणोशपुर पंचायत के हरदिया रहिका में आदिवासियों ने शहर के एक भूस्वामी की जमीन पर अघोषित रूप से कब्जा कर लिया और भूस्वामी को वहां काम करने से बाधित कर दिया. आदिवासियों का कहना था कि उक्त जमीन उन लोगों को लाल कार्ड में मिली है, जबकि भूस्वामी का कहना था कि आदिवासियों को किसी ने गलतफहमी का शिकार बनाया है. उनकी जमीन केवाला द्वारा खरीद की गयी है.
इस मसले को लेकर दोनों पक्षों में बड़े विवाद की संभावना बन गयी. इधर, इस सूचना पर सदर एसडीओ राजकुमार वहां पहुंचे और उनलोगों को समझाने का प्रयास किया. बाद में एसडीओ श्री कुमार ने कोसी नर्सरी परिसर में दोनों पक्षों को बुलाया. स्थानीय आदिवासियों को समझाया गया. उन्होंने आदिवासियों से कहा कि मौजा गणोशपुर थाना संख्या 36 खाता 683, 1633 एवं 921 खेसरा 1716 रकबा 9 एकड़ 83 डिसमिल, खेसरा 1629 रकबा एक एकड़ 32 डिसमिल, खेसरा 1630 रकबा 14 डिसमिल, खेसरा 1631 रकबा 27 डिसमिल, खेसरा 1639 रकबा एक एकड़ 85 डिसमिल, खेसरा 1718 रकबा 3 एकड़ 3 डिसमिल कुल 17 एकड़ 89 डिसमिल जमीन मधुबनी केहाट थाना निवासी अरविंद साह की पत्नी पल्लवी गुप्ता ने परोरा निवासी भूधारी कवीन्द्र नारायण चौधरी के भाई नृपेंद्र नारायण चौधरी वगैरह से खरीद की है. एसडीओ ने स्पष्ट करते हुए कहा कि उक्त जमीन में कुछ आदिवासियों के नाम लालकार्ड बने थे लेकिन भू हदबंदी वाद संख्या 212/1975-76 के तहत असाधारण अंक 15 धारा 11(1) के अंतर्गत 27 दिसंबर 2000 को पूर्व भूधारी नृपेंद्र नारायण चौधरी को जमीन धारित करने की अनुमति मिल गयी थी, जिसके आधार पर आदिवासियों के नाम बने लाल कार्ड रद्द कर दिये गये थे. उन्होंने जमीन की वास्तविक स्थिति की शुद्धता के बारे में आदिवासियों को विस्तार से समझाया और जोर जबरन जमीन पर कब्जा नहीं करने की हिदायत दी. एसडीओ ने आदिवासियों से अगले सोमवार पुन: बातचीत कर मामले का बेहतर समाधान निकालने की बात कही.
इस मौके पर डीएसपी मनोज कुमार, पुलिस निरीक्षक रूपेश कुमार वर्मा, केनगर बीडीओ चंद्र किशोर सिंह, सीओ भगवान सिंह, केनगर थानाध्यक्ष कुमार मरांडी मौजूद थे.