पूर्णिया: शुक्रवार छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सेकुलर मार्च निकाला और रंगभूमि मैदान में धरना दिया. शहर के झंडा चौक से निकले सेकुलर मार्च में मौजूद सैकड़ों लोगों का नेतृत्व माकपा जिला मंत्री का सुनील कुमार सिंह ने किया. बाबरी विध्वंस पर माकपा ने सांप्रदायिकता के खिलाफ धर्मनिरपेक्षता एकता दिवस के रूप में मनाया वहीं धरना के दौरान हुई सभा में अपने संबोधन के दौरान नेताओं ने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती एवं धर्मनिरपेक्ष ताकतों की गोलबंदी पर जोर दिया.
इस मौके पर जिला मंत्री का सिंह ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों ने बाबरी मसजिद को तोड़ कर देश को सांप्रदायिकता के आग में झोंकने का कार्य किया था. ठीक वही तरीका एक बार फिर अपनाने की कवायद है मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा. इस घोषणा के साथ एक बार फिर देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का प्रयास जारी है. ऐसी परिस्थिति में तमाम धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की गोलबंदी समय की मांग है लेकिन एक तरफ केंद्र में बैठी सरकार अमेरिका चश्मा पहने गरीबों को बरगलाने में लगी है वहीं सूबे के मुखिया के दोहरे चरित्र के कारण सांप्रदायिकता के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष ताकतों की लड़ाई कमजोर पड़ी है. उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है यहां सर्वधर्म सदभाव के नारे गूंजते हैं. सन 1990 में जिस कदर एल के आडवाणी ने रथ यात्र निकाल कर देश भर सांप्रदायिकता की आग फैलाई और 1992 में बाबरी विध्वंस के साथ देश के एकता अखंडता पर चोट किया उसकी पुनरावृत्ति के प्रयास के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष ताकतों की गोलबंदी समय की मांग है. इस मौके पर का अनवारूल हक, शमसुल खान, शिवनाथ सोरेन, मधुसूदन ऋषि, मो कलीमुद्दीन, का शीला, मंगल हांसदा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.