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जिले के 197 प्रधानों पर गिरेगी गाज

कार्रवाई : राशि उठाव के बावजूद नहीं कराया था िवद्यालयों में भवनों का िनर्माण पूर्णिया : राशि उठाव के बावजूद भवन निर्माण नहीं करने का खामियाजा जिले के 197 विद्यालय प्रधानों को भुगतना पड़ सकता है. शिक्षकों के विरुद्ध जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल के निर्देश पर जिला शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ कर […]

कार्रवाई : राशि उठाव के बावजूद नहीं कराया था िवद्यालयों में भवनों का िनर्माण
पूर्णिया : राशि उठाव के बावजूद भवन निर्माण नहीं करने का खामियाजा जिले के 197 विद्यालय प्रधानों को भुगतना पड़ सकता है. शिक्षकों के विरुद्ध जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल के निर्देश पर जिला शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ कर दी है. शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश सभी बीइओ को दिया गया है. विद्यालय प्रधानों पर वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2013-14 तक के बीच भवन निर्माण की राशि गबन करने का आरोप है. जल्द ही ये सभी िशक्षक कानून के िशकंजे में होंगे.
नहीं हो सका है भवन निर्माण
विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भवन निर्माण राशि गबन के आरोप में की जा रही है. दरअसल वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2013-14 के बीच कुल 284 विद्यालयों में सर्वशिक्षा अभियान के तहत विद्यालय भवन निर्माण की राशि निर्गत की गयी. लेकिन विभिन्न कारणों से अधिकतर विद्यालयों में भवन निर्माण कार्य अब तक आरंभ नहीं कराया जा सका. वहीं 197 की लिस्ट में कुछ ऐसे विद्यालय भी शामिल हैं, जहां अग्रिम राशि उठाव के अनुरूप विद्यालय भवन निर्माण नहीं कराया है. जबकि कुछ विद्यालयों में राशि उठाव करने के बाद भी अब विद्यालय भवन निर्माण आरंभ नहीं किया गया है.
55 विद्यालय प्रधानों पर प्राथमिकी दर्ज : विद्यालय भवन निर्माण में राशि गबन तथा कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में अब तक 55 विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वही शेष 142 के विरुद्ध भी प्राथमिकी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. 197 विद्यालयों की सूची में सबसे अधिक 32 शिक्षक अमौर प्रखंड के हैं, जहां 10 के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. वही सबसे कम कसबा में 02 शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जानी है.
नोटिस के बावजूद नहीं लौटायी राशि
विभागीय आदेश के मुताबिक जिले में कुल 284 विद्यालयों में भवन निर्माण के लिए राशि निर्गत की गयी.लेकिन निर्माण कार्य नहीं कराने के कारण बाद में नोटिस जारी कर सभी प्रधानों को राशि सर्वशिक्षा कार्यालय को वापस करने का आदेश दिया गया. लेकिन महज 87 विद्यालय प्रधानों ने विभागीय नोटिस को गंभीरता से लिया और राशि वापस कर दी. यह राशि 1. 84 करोड़ रुपये बतायी जाती है. जबकि 197 विद्यालय प्रधानों द्वारा अब तक राशि वापस नहीं की गयी है.
एफआइआर का आदेश
जिले के 197 विद्यालय प्रधानों द्वारा भवन निर्माण नहीं कराने तथा विभागीय नोटिस के बावजूद राशि वापस नहीं करने के कारण विभागीय कार्रवाई आरंभ हो गयी है. इसके तहत सभी विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध जिला शिक्षा पदाधिकारी व सर्वशिक्षा डीपीओ द्वारा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया है.
सभी बीइओ को आदेश के साथ संबंधित प्रखंड के शिक्षकों की सूची भी उपलब्ध करा दी गयी है. मामले में अब तक 55 विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. वही अन्य के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है. विभाग द्वारा इसके लिए बुधवार तक का समय दिया गया है.
डीएम की बैठक में हुआ था खुलासा
विद्यालय भवन निर्माण में अनियमितता का मामला सबसे पहले जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में गत 24 दिसंबर को आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में हुआ था.
जिसके बाद डीएम ने मामले की जांच का जिम्मा उप विकास आयुक्त राम शंकर को सौंपा, वही शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी कार्रवाई का निर्देश दिया. डीएम के आदेश के बाद जिला शिक्षा विभाग हरकत में आया और संबंधित विद्यालयों को चिह्नित कर विद्यालय प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ की गयी.

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