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हादसा: सब इंस्पेक्टर को दी अंतिम सलामी

पूर्णिया: सदर थाना में तैनात जेएसआइ संजीव कुमार रजक का शव शुक्रवार को पुलिस केंद्र लाया गया. जहां उन्हें पुलिस कर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गुरुवार की रात अनुसंधान के सिलसिले में पटना जाने के क्रम में श्री रजक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी. सदर विधायक विजय खेमका, पुलिस उप […]

पूर्णिया: सदर थाना में तैनात जेएसआइ संजीव कुमार रजक का शव शुक्रवार को पुलिस केंद्र लाया गया. जहां उन्हें पुलिस कर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गुरुवार की रात अनुसंधान के सिलसिले में पटना जाने के क्रम में श्री रजक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी.

सदर विधायक विजय खेमका, पुलिस उप महा निरीक्षक राम नारायण सिंह, जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल, उप विकास आयुक्त राम शंकर, ओएसडी सत्येंद्र कुमार सिंह, सदर एसडीएम रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह, एसडीपीओ राजकुमार साह व बायसी एसडीपीओ सुनीता कुमारी, प्रशिक्षु डीएसपी सह मुफस्सिल थानाध्यक्ष निशित प्रिया, सदर थानाध्यक्ष उदय कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने स्व रजक के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. मौके पर मौजूद अधिकारियों की भी आंखें भर आयी. डीआइजी श्री सिंह ने कहा कि पुलिस परिवार ने एक होनहार और कर्मठ सदस्य खोया है. स्व रजक का देहांत केवल परिजनों के लिए नहीं बल्कि पुलिस के लिए भी अपूरणीय क्षति है. उन्होंने परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

राजकीय सम्मान के साथ दी विदाई
दिवंगत अवर निरीक्षक को शुक्रवार को पुलिस केंद्र में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गयी.स्व रजक के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेट कर सम्मानित किया गया.साथ ही उनके सम्मान में शोक स्वरूप शस्त्र झुका कर भी श्रद्धांजलि दी गयी.दोपहर करीब 01:30 बजे उनका पार्थिव शरीर अररिया स्थित उनके पैतृक आवास के लिए रवाना हुआ.जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि के रूप में जलालगढ़ बीडीओ जगत नारायण मिश्र को उनके पैतृक गांव भेजा गया.
पटना के लिए निकले थे एसआइ संजीव, रास्ते में हुई दुर्घटना
सदर थाना में तैनात जेएसआइ संजीव कुमार रजक शुक्रवार की रात करीब 09 बजे अन्य कुछ सह कर्मियों के साथ पटना के लिए निकले थे. दरअसल गुलाबबाग लूटकांड में 2.17 लाख रुपये के साथ एक अपराधी महबूब आलम की मंगलवार को गिरफ्तारी हुई थी. उसी के निशानदेही पर एक साथी के साथ संजीव शुक्रवार की रात करीब 08 बजे नेपाल से एक लैपटॉप लेकर पूर्णिया लौटा था.लैपटॉप से मिली जानकारी के आधार पर वह कुछ अन्य सह कर्मियों के साथ रात करीब 09:30 बजे पटना के लिए रवाना हुआ.उसके साथ पटना रवाना हुए एसआइ मनीष कुमार झा ने बताया कि रात करीब 09 बजे संजीव ने बताया कि लूटकांड मामले में कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं और इस सिलसिले में पटना निकलना है.बताया पुलिस अधीक्षक से भी इस बाबत आदेश प्राप्त हो चुका है.रात करीब 09:30 बजे सभी लोग पूर्णिया से रवाना हुए.बेगुसराय से पूर्व बड़ी बलिया के समीप सड़क पर अचानक एक आवाज हुई और फिर आगे कुछ उन्हें याद नहीं है.सुबह आंख खुली तो वे जख्मी थे.उन्हें बताया गया कि उनके साथी संजीव की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी थी.
डीएम ने दिलाया स्मारक बनाने का भरोसा
संजीव के निधन पर परिजन सहित प्रशासनिक महकमा भी गमगीन था.जिला पदाधिकारी पंकज कुमार पाल ने मृतक जेएसआइ संजीव के पिता रामचंद्र रजक को 51 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की.डीएम ने उन्हें स्व रजक का स्मारक पुलिस केंद्र में बनवाने का भरोसा दिलाया. कहा कि इसके लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ संपर्क कर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जायेगी. साथ ही उन्होंने अन्य किसी प्रकार की आवश्यकता होने पर श्री रजक से जिला प्रशासन को सूचित करने की अपील की.श्री रजक ने कहा कि बेटे को लोग याद रखें, इससे अधिक उन्हें कुछ और नहीं चाहिए.केवल जो वादा किया, उसे पूरा कर दीजियेगा.
… देखो मेरा भैया, सच में शहीद हो गया
एसआइ संजीव कुमार रजक का शव शुक्रवार की सुबह करीब 12:40 बजे पूर्णिया के पुलिस केंद्र पहुंचा. जहां अधिकारियों सहित परिजनों ने पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किये. शव के पहुंचते ही संजीव की बहन आरती दहाड़ मार कर रोने लगी. वह बार-बार केवल यही कह रही थी ‘ देखो मेरा भैया आज सच में शहीद हो गया. कोई तो मेरे भैया को वापस ला दो ‘. फिर कहती ‘ एक मेरा भैया ही तो था जो मेरी हर ख्वाहिश पूरी करता था.अब पूर्णिया आउंगी तो किसे कहूंगी, भैया मैं पूर्णिया में हूं ‘.वही पिता रामचंद्र रजक (57) बेटी को चुप कराने के प्रयास में जार-जार रोये जा रहे थे.
लगता है भगवान को कुछ और ही मंजूर था
अधिकारियों ने जब पिता रामचंद्र रजक के दर्द पर मरहम लगाने की कोशिश की तो उनकी आंखें छलक आयी.कहा ‘ साहब, बड़ी गरीबी से हम उभर कर आये थे.बच्चों को काबिल बनाया, तो सोचा अब कुछ आराम करूंगा.लेकिन लगता है ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था.तभी तो उसने मुझसे मेरा बेटा छीन लिया ‘.श्री रजक अररिया जिला में शिक्षा विभाग के स्थापना कार्यालय में पदस्थापित हैं. मृतक संजीव के बड़े भाई मुकेश मोतिहारी जिला में बीडीओ के रूप में कार्यरत हैं. जबकि दोनों बहन आरती व शिंपी की शादी हो चुकी है. आरती पेशे से सरकारी शिक्षिका हैं.जबकि दोनों बहन के पति बैंक में कार्यरत हैं.

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