शोभा की वस्तु बना रेल परिसर का जलमीनार बनमनखी. सहरसा पूर्णिया रेलखंड के बीच स्थित बनमनखी रेलवे स्टेशन इस रेलखंड का महत्वपूर्ण जंक्शन माना जाना जाता है. यहां यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर एवं रेलवे स्टेशन परिसर में जलापूर्ति के लिए रेल विभाग द्वारा रेलवे प्लेटफॉर्म के बगल में जल मीनार का निर्माण किया गया था. शुरुआती दौर में इस जलमीनार द्वारा जलापूर्ति भी होती थी, लेकिन 2008 में आयी बाढ़ के बाद मधेपुरा से लेकर मुरलीगंज के बीच रेल ट्रैक को भारी क्षति हुई और इस रेल खंड पर रेल परिचालन पूर्णत: ठप हो गया. रेल अधिकारियों एवं रेलवे स्टेशनों पर जैसे वीरानी सी पसर गयी. रेलवे स्टेशन पर यात्रियों एवं रेल अधिकारियों के उपयोग एवं सुविधाओं के लिए लगाया गया साजो सामान बेकार हो गया. पुन: इस रेल खंड पर रेल सेवा बहाल किये जाने का प्रयास आरंभ हुआ और तीन फेज में इसे पूरा किये जाने की कोशिश भी जारी है. कुछ दिन पहले मंडल रेल प्रबंधक समस्तीपुर सुधांशु शर्मा द्वारा औचक निरीक्षण भी किया गया. युद्ध स्तर पर कार्य को पूरा कर मार्च में रेल परिचालन को लेकर प्रयास जारी है. डीआरएम के निर्देशानुसार जलमीनार को ठीक किये जाने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है. लेकिन अभी तक जल मीनार की सेवा प्रारंभ होती नहीं दिख रही है. फिलहाल रेलवे स्टेशन पर पांच चापाकल लगे हैं वो भी सही स्थिति में नहीं हैं. यात्रियों एवं अधिकारियों के बीच जलापूर्ति हेतु जलमीनार को अविलंब चालू किये जाने की जरूरत है. फोटो: 8 पूर्णिया 14परिचय: रेल परिसर स्थित जलमीनार
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शोभा की वस्तु बना रेल परिसर का जलमीनार
शोभा की वस्तु बना रेल परिसर का जलमीनार बनमनखी. सहरसा पूर्णिया रेलखंड के बीच स्थित बनमनखी रेलवे स्टेशन इस रेलखंड का महत्वपूर्ण जंक्शन माना जाना जाता है. यहां यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर एवं रेलवे स्टेशन परिसर में जलापूर्ति के लिए रेल विभाग द्वारा रेलवे प्लेटफॉर्म के बगल में जल मीनार का निर्माण किया गया […]
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