इमरजेंसी में टांके लगाते है फार्मासिस्ट, चिकित्सक करते हैं प्रैक्टिस पूर्णिया. पिछले वर्षों की तुलना में सदर अस्पताल की आपातकालीन सेवा व्यवस्था बदतर होती जा रही है. इमरजेंसी कक्ष में भी चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं, जबकि दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज, ऑपरेशन व टांका फार्मासिस्ट लगाते हैं. दूसरी ओर वार्ड में फैली गंदगी नारकीय दृश्य उत्पन्न करती है. मंगलवार को प्रभात खबर की टीम ने इमरजेंसी कक्ष की व्यवस्था की पड़ताल की.शो पीस रहते हैं चिकित्सकमंगलवार की दोपहर बारह बजे अपने वेश्म में चिकित्सक निजी क्लिनिक के परचों पर दवाई लिख रहे थे. गेट के सामने दो-तीन महिला चिकित्सक से कुछ सलाह लेने के लिए खड़ी थी. बाहर दुर्घटना के शिकार मरीजों को फार्मासिस्ट टांके व मरहम-पट्टी कर रहे थे. इस बीच चिकित्सक ने अपने वेश्म से बाहर निकल कर मरीजों को देखने तक की जहमत नहीं उठायी. अंदर बैठै-बैठे ही दवा लिख कर मरीज को वार्ड में शिफ्ट करा दिया. मरीजों को टांके लगा रहे एक फार्मासिस्ट से जब यह पूछा गया कि आप ही टांका लगा रहे हैं, तो उसने तपाक से जवाब दिया -‘नौकरिया करैय लागि कुछो भी करैय पड़ैय छैय,करैय छी.’गंदगी पर भिनभिना रही थी मक्खीआपातकालीन वार्ड के चारों तरफ गंदगी फैली हुई थी, जिस पर मक्खी भिनभिना रही थी. मरीजों के बेड के नीचे गंदे कपड़े, कचरे फैले हुए थे. रक्त मिश्रित कपड़ों पर मंडरा रही मक्खियां उड़ कर मरीजों के ऊपर भी बैठ रही थी. बाहर बरामदे पर गंदगी के कारण हाल यह था कि बिना नाक पर रूमाल लिये उस ओर से गुजरना मुश्किल हो रहा था. हालांकि पास ही डस्टबीन भी पड़ा था, लेकिन वह प्रयोग के लिए कम शो के लिए ज्यादा प्रतीत हो रहा था.नालियों से निकलती है बदबूसदर अस्पताल के किसी भी वार्ड को देखें सभी की नाली जाम रहती है. उससे हमेशा बदबू निकलती रहती है. नालियों के मक्खी मरीजों के खाने पर भी बैठती है. इससे मरीजों को संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति आपातकालीन सेवा, बच्चा वार्ड, संक्रमण वार्ड एवं महिला वार्ड के आगे भी देखने को मिली. आर्थोपेडिक वार्ड के आगे बैठ कर भोजन कर रही मरीज की महिला परिजन नाक भौं सिकुड़ते हुए बोल रही थी-‘ साक्षात नरके में बैठी कैय खाय ल पड़ैय छैय.’बरामदे पर मरीज बना रहे थे खानामहिला सर्जिकल वार्ड के बरामदे पर स्थित बेड के पास मरीज के परिजन खाना बना रहे थे. सभी बेड के नीचे छोटा-छोटा गैस सिलिंडर रखा था. मरीजों के परिजनों ने बताया कि यहां किचन शेड नहीं है. इसलिए बरामदे पर ही भोजन बना रही हूं. वार्ड में गैस से भोजन बनाना हादसे का सबब बन सकता है. यह वार्ड अस्पताल प्रबंधक के कार्यालय के सामने है.नहीं मिले अस्पताल प्रबंधकइन समस्याओं को लेकर जब अस्पताल प्रबंधक से मिलने 12:07 बजे पहुंचे, तो उनके कक्ष में ताला लटका था. अन्य कर्मियों ने पूछने पर बताया कि हो सकता है सिविल सर्जन कार्यालय की ओर गये हों, लगभग दस मिनट तक इंतजार करने के बाद भी उनसे मुलाकात नहीं हो पायी.रोगी कल्याण समिति है शिथिलपिछले कुछ वर्षों में रोगी कल्याण समिति सक्रिय थी, तो अस्पताल की व्यवस्था ठीक-ठाक चल रही थी. हाल के दिनों में रोगी कल्याण समिति मरीजों के कल्याण की बात को भूल गयी है. इससे अस्पताल की अव्यवस्था बढ़ती जा रही है. रोगी कल्याण समिति के कई सदस्य मरीजों के कल्याण की बात कम अधिकारियों के ईद-गिर्द घुमने को अपनी सेवा व सक्रियता मान रहे हैं. कहते हैं अधिकारीआपातकालीन कक्ष के आगे या कहीं भी गंदगी देखने को मिलेगी, तो आउट सोर्सिंग एजेंसी पर कार्रवाई की जायेगी.डॉ सुशीला दास,अस्पताल उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, पूर्णियाफोटो 8पूणिया 4से 8परिचय 04-आपातकालीन कक्ष के आगे पसरी गंदगीपरिचय 05-आपातकालीन वार्ड के नीचे गंदे कपड़ों पर भिनभिनाती मक्खियांपरिचय 06-बंद पड़ा अस्पताल प्रबंधक का कार्यालयपरिचय 07 बच्चा वार्ड के आगे गंदे पानी का बहावपरिचय 08-गैस पर खाना बनाते मरीजों के परिजनपरिचय 06-ओल्ड इमरजेंसी के कोने पर बिखरी गंदगी
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इमरजेंसी में टांके लगाते है फार्मासस्टि, चिकत्सिक करते हैं प्रैक्टिस
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