27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिलवर हत्याकांड: परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार

दिलवर हत्याकांड: परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार – 29 अगस्त को सज्जाद नगर के मकान से बरामद हुई थी दिलवर की लाश- अर्धनग्न अवस्था में था शव- पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर किया था वैज्ञानिक अनुसंधान – हत्या की वजह हो सकता है प्रेम-प्रसंग – पुलिस की भूमिका भी सवालों के […]

दिलवर हत्याकांड: परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार – 29 अगस्त को सज्जाद नगर के मकान से बरामद हुई थी दिलवर की लाश- अर्धनग्न अवस्था में था शव- पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर किया था वैज्ञानिक अनुसंधान – हत्या की वजह हो सकता है प्रेम-प्रसंग – पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में —————————-प्रतिनिधि, पूर्णियाअपनों को खोने का गम क्या होता है. इस बात का एहसास शायद सहायक खजांची थाना पुलिस को नहीं है. यही वजह है कि चार माह बाद भी थाना क्षेत्र के मो दिलवर हत्याकांड का उद्भेदन नहीं हो पाया है. सज्जाद नगर निवासी इंटरमीडिएट के छात्र दिलवर की हत्या किस वजह से हुई चार महीनों में दिलवर के दो भाई मो दाउद और मो मुजाहिद पुलिस से गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं. पुलिस केवल आश्वासन देती है. आश्वासन कब मूर्त रूप ग्रहण कर पायेगा, यह पुलिसवालों को भी पता नहीं है. न्याय की आस में अब नाउम्मीद हो चुके हाजी मुजाहिद ने फिर एक बार एसपी निशांत कुमार तिवारी के पास शनिवार को गुहार लगायी है. प्रभात खबर से बातचीत में भरी आंखों से हाजी मुजाहिद ने कहा ‘ क्या हमें सच जानने का भी हक नहीं है ‘. 29 अगस्त को हुई थी लाश बरामद दिलवर अमौर थाना क्षेत्र के बकनिया गांव का रहने वाला था. वह कसबा के एमएल आर्या कॉलेज में इंटरमीडिएट विज्ञान का छात्र था. इसके अलावा वह पूर्णिया में रह कर कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रहा था. सज्जाद नगर में वह अपने चचेरे भाई के मकान में रहता था. 29 अगस्त को उस मकान से दुर्गंध आने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. पुलिस के पहुंचने पर वहां दिलबर की अर्धनग्न लाश मिली. खास बात यह थी कि घर के दरवाजे भी खुले हुए थे. मौके से पुलिस ने दिलवर के मोबाइल के अलावा एक अन्य मोबाइल भी बरामद किया था. कहां अटक गया पुलिस का वैज्ञानिक अनुसंधान घटना के उपरांत पुलिस का अनुसंधान तेज हुआ, पर समय के साथ इस हत्याकांड को पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. पुलिस शुरू के दिनों में दावा करती रही कि वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ. आम लोग भी जानना चाहते हैं कि दिलवर के मोबाइल के कॉल डिटेल से पुलिस को क्या मिला. अनुसंधान के क्रम में थानाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज ने स्वीकार किया था कि दिलवर की एक खास नंबर पर लंबी बातचीत हुआ करती थी. बड़ा सवाल यह है कि हत्या से उस खास नंबर का क्या संबंध है. इस बारे में पुलिस कोई खुलासा नहीं कर पा रही है. परिजन कहते हैं कि दिलवर के साथ दो वर्ष से जलालगढ़ थाना क्षेत्र के बलुआ का नोमान उर्फ मिट्ठू रह रहा था. दिलवर की हत्या से 15 दिन पूर्व वह घर चला गया था. हालांकि बाद में भी उसका आना-जाना लगा रहा. परिजनाें ने कहा कि मिट्ठू दिलवर के बारे में सब कुछ जानता है. पुलिस अगर उससे सख्ती से पूछताछ करे, तो हत्या के कारण का स्पष्ट पता चल जायेगा.परिजन जानना चाहते हैं हत्या का सच मृतक के परिजनों को अब भी न्याय की आस है और वे लगातार थाना व एसपी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. शनिवार को दिलवर के दोनों बड़े भाई दाउद आलम व हाजी मुजाहिद ने एक बार फिर एसपी से भाई के हत्यारों की गिरफ्तारी की गुहार लगायी. दिलवर के दोनों भाई यह जानना चाहते हैं कि आखिर किसने उनके भाई की हत्या की, जबकि दिलवर की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. दोनों भाई ने कहा कि अगर मामला प्रेम-प्रसंग का है तो उसे उजागर क्यों नहीं किया जा रहा है. दिलवर के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगालने के बावजूद पुलिस अनुसंधान सिफर रहा है. हत्या प्रेम-प्रसंग में हुई या फिर कुछ इसका अन्य कारण है, पुलिस इसका खुलासा नहीं कर रही है. मो दाउद आलम एवं मुजाहिद ने कहा कि जब बौआ झा हत्याकांड का उद्भेदन हो सकता है, तो दिलवर हत्याकांड का खुलासा नहीं होने की क्या वजह है. फोटो:- 05 पूर्णिया 14परिचय:- एसपी कार्यालय पहुंचे दिलवर के भाई

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें