36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

परमान के कछार पर पनप रही कला व संस्कृति

परमान के कछार पर पनप रही कला व संस्कृति बायसी. परमान नदी के कछार पर कला-साहित्य का विकास अपने अंदाज में हो रहा है. ग्रामीण परिवेश में रह रहे लोग अपनी रचनाएं लिखने में जुटे हुए हैं तो बच्चे नुक्कड़ नाटक और रंगमंच से जुड़ कर अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटे हैं. सूरजापुरी भाषा […]

परमान के कछार पर पनप रही कला व संस्कृति बायसी. परमान नदी के कछार पर कला-साहित्य का विकास अपने अंदाज में हो रहा है. ग्रामीण परिवेश में रह रहे लोग अपनी रचनाएं लिखने में जुटे हुए हैं तो बच्चे नुक्कड़ नाटक और रंगमंच से जुड़ कर अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटे हैं. सूरजापुरी भाषा की मिठास अब गीतों के माध्यम से सामने आने लगी है. चंद्रगामा, हरिणतोड़, पुरानागंज, चोपड़ा, खपड़ा,मलहरिया और मीनापुर के ग्रामीण अपनी लोक कलाओं को उकेरने में मशगूल हैं. इसके अलावा आदिवासी मूल के निवासी अपनी पारंपरिक नृत्य को भी सहेजने में जुटे हैं. कला संस्कृति के क्षेत्र में हाल के दिनों में जिले में कुछ नये चेहरे उभरे हैं, जिनमें अंजू दास, मो संजर अंसारी, तल्लू मरांडी, अबू आला हेंब्रम, अली हसन, अरविंद कुमार, मो अरमान, पूर्णिमा कुमारी, नारद प्रसाद राम, वीणा कुमारी, सूर्य नारायण राम आदि शामिल हैं. कई अन्य लोग भी हैं, जो इन दिनों कला मंच से जुड़ कर अपनी पहचान बनाने में लगे हैं. जाहिर है कि परमान नदी के किनारे भौगोलिक विषमता के बावजूद कला संस्कृति की आबो हवा बह रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें