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पीडीएस: गरीबों के निवाले पर हर ओर हो रही हकमारी

पीडीएस: गरीबों के निवाले पर हर ओर हो रही हकमारी केस स्टडी- एक धमदाहा प्रखंड की धमदाहा मध्य पंचायत के वार्ड संख्या 10 के हरिण कोल मंझा निवासी लखन ऋषि ने बताया कि दुकान दार यदा-कदा ही राशन देते हैं. कई माह का राशन उठाव होने के बावजूद राशन-केरोसिन का वितरण नहीं किया. पूछने पर […]

पीडीएस: गरीबों के निवाले पर हर ओर हो रही हकमारी केस स्टडी- एक धमदाहा प्रखंड की धमदाहा मध्य पंचायत के वार्ड संख्या 10 के हरिण कोल मंझा निवासी लखन ऋषि ने बताया कि दुकान दार यदा-कदा ही राशन देते हैं. कई माह का राशन उठाव होने के बावजूद राशन-केरोसिन का वितरण नहीं किया. पूछने पर पीडीएस दुकानदार कहता है कि आवंटन ही नहीं मिला तो वितरण कहां से करेंगे. केस स्टडी -दोरुपौली प्रखंड के कोइली सिमरा पंचायत के वार्ड संख्या 2 बधवा गांव निवासी गोपाल साह ने बताया कि पीडीएस दुकान दार की ओर से निर्धारित मात्रा से काफी कम अनाज दिया जाता है. लगभग पांच माह बीतने को है दो माह का राशन नहीं दिया गया है. राशन मांगने पर दुकानदार की ओर से बहानेबाजी की जाती है. केस स्टडी-तीनबी. कोठी प्रखंड के ठाढ़ी पंचायत वार्ड संख्या 8 निवासी परमानंद मंडल ने बताया कि डीलर के की ओर से कब खाद्यान्न का वितरण किया जाता है, इसका पता ही नहीं चल पाता है. डीलर की ओर से गुप-चुप तरीके से राशन वितरण कर स्टॉक समाप्त कर दिया जाता है. कई लोगों को राशन -केरासिन नहीं मिला है. केस स्टडी-चार बायसी प्रखंड की चौपड़ा पंचायत के सिमलबाड़ी गांव निवासी मो कादिर ने बताया कि वह पीडीएस दुकानदार की ओर से अनियमित वितरण व्यवस्था से परेशान है. सितंबर माह का राशन उठाव के बावजूद भी वितरण नहीं किया गया है. दुकानदार से राशन मांगने पर धमकी दी जाती है. केस स्टडी- पांचकसबा नगर पंचायत के वार्ड संख्या नौ निवासी महेश लाल सरवरिया ने बताया कि उन लोगों को नियमित अनाज नहीं मिलता है. दुकानदार से मांगने पर डीलर स्पष्ट कहता है कि उठाव ही नहीं हुआ है तो वितरण कैसे करेंगे. डीलर की ओर से राशन वितरण चार किलो प्रति व्यक्ति के दर से किया जाता है. ——पूर्णिया. गरीबों की नियति पहले भी भूखे पेट सोने की थी, आज भी भूखे पेट सोने की विवशता है. यह दर्द भरी व्यथा जिले के किसी एक प्रखंड की नहीं है, बल्कि पूरे जिले की है. गरीबों के अनाज में ऊपर से नीचे तक लूट खसोट मची हुई है. कुल मिला कर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम यहां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है. इससे बाहर निकलना फिलहाल मुश्किल ही नहीं विभाग के लिए नामुमकिन भी प्रतीत हो रहा है. हजम हो गये हजारों क्विंटल अनाजअमूमन जिले के सभी प्रखंडों के लगभग 1082 पीडीएस दुकानदारों में से कुछ एक को छोड़कर प्राय: सभी डीलरों की दुकानोें से हजारों क्विंटल अनाज सीधे गायब होने की चर्चा आम है. इस बात का शायद खुलासा भी नहीं हो पाता, यदि कुछ एक डीलर की ओर से मई माह के अनाज का वितरण नहीं किया गया होता. इसके बाद से जिले के तमाम लाभुकों के बीच चर्चा का विषय बन गया. पीडीएस दुकानदारों के इस रवैये से लाभुक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. ऐसे पसारता है भ्रष्टाचार अपना पांवपीडीएस में भ्रष्टाचार एसएफसी गोदाम से ही अपना पांव फैलाना शुरू करता है. यहां अनाज उठाव के साथ ही बारह से पंद्रह रुपये प्रति बोरा के हिसाब से पीडीएस दुकानदारों से विभागीय स्तर पर अवैध वसूली की जाती है. इस राशि की बंदर बांट प्रखंड से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों के बीच कद एवं ओहदे के हिसाब से होती है. यही मुख्य कारण है कि पीडीएस दुकान दार बेखौफ हो कर लाभुकों की हक मारी के धंधे को अंजाम देते हैं. यह पीडीएस दुकानदारों की मजबूरी भी है और माल कमाने का जरिया भी बना हुआ है. इन प्रखंडों में है खस्ता हालजिले के अमौर, बायसी, कसबा, धमदाहा व रुपौली आदि प्रखंडों में पीडीएस योजना में लूट खसोट का धंधा परवान पर देखने को मिल रहा है. इन प्रखंडों में किसी उपभोक्ता को अब तक चार या पांच माह का ही अनाज का उठाव होने की बात सामने आ रही है. इन प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों की स्थिति बद से बदतर है. इन प्रखंडों में लाभुक अनाज के लिए परेशान एवं हलकान रहते हैं, लेकिन इनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है. इस वक्त तो चुनाव के कारण पीडीएस दुकानदारों के दोनों हाथ में लड्डू है. इस समय इसकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. गोदामों में ही बिक जाते हैं गरीबों के अनाजजानकारों के अनुसार इस गोरख धंधा पर अंकुश लगाना बड़ी टेढ़ी खीर साबित हो रही है. इसके पीछे मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि पीडीएस दुकानदार गरीबों के अनाज को अन्यत्र कालाबाजारी में बेचने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. अब थोड़े कम कीमतों में पीडीएस दुकानों का माल गोदाम में ही बिक जाता है. गोदाम के मुखिया उसी माल को रिसाइकिल कर अगले माह में पुन:पीडीएस दुकानदारों को देते हैं. कहते हैं डीएसओवितरण व्यवस्था की मॉनिटरिंग संबंधित अनुमंडल के एसडीओ एवं प्रखंडों में एमओ की ओर से की जाती है. इस प्रकार की कोई शिकायत हमारे कार्यालय में नहीं आयी है. यदि संबंधित एसडीओ के कार्यालय में आयी होगी, जांच अवश्य होगी. अजय कुमार ठाकुर, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पूर्णियाफोटो 18 पूर्णिया 2परिचय- खाद्यान्न देते पीडीएस दुकानदार

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