28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहर के कई अल्ट्रासाउंड सेंटर स्तरीय नहीं

शहर के कई अल्ट्रासाउंड सेंटर स्तरीय नहीं- शहर में संचालित है दर्जनों मानकविहीन अल्ट्रासाउंड सेंटर- सड़क छाप तकनीशियन तैयार करते हैं रिपोर्ट- इन सेंटरों में गरीब मरीजों का होता है दोहन – मानकविहीन सेंटरों में होते हैं भ्रूण परीक्षण भी———————पूर्णिया. वर्षों से शहर में मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों का अवैध कारोबार फैला है. शहर में […]

शहर के कई अल्ट्रासाउंड सेंटर स्तरीय नहीं- शहर में संचालित है दर्जनों मानकविहीन अल्ट्रासाउंड सेंटर- सड़क छाप तकनीशियन तैयार करते हैं रिपोर्ट- इन सेंटरों में गरीब मरीजों का होता है दोहन – मानकविहीन सेंटरों में होते हैं भ्रूण परीक्षण भी———————पूर्णिया. वर्षों से शहर में मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों का अवैध कारोबार फैला है. शहर में लगभग तीन दर्जन से अधिक मानक विहीन अल्ट्रासाउंड धड़ल्ले से संचालित हैं. बिना डॉक्टर एवं तकनीशियन के अल्ट्रासाउंड के धंधे बाज गरीब मरीजों के जेब में सेंधमारी तो करते ही हैं, साथ ही उसके जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. जिला मुख्यालय में चल रहे इस गोरखधंधे पर विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है. खास बात यह है कि इन अवैध सेंटरों में लिंग परीक्षण भी बदस्तूर जारी है. जाहिर है काला कारोबार अच्छी कमाई का जरिया बना हुआ है. इन जगहों पर है मानक विहीन सेंटरस्वास्थ्य नगरी के पोस्ट मार्टम रोड, शिव मंदिर रोड, बिहार टॉकिज रोड, फोर्ड कंपनी चौक सहित सभी गलियों के नुक्कड़ पर दो चार मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटर दिख जाते हैं. हैरानी की बात यह है कि डंके की चोट पर इस तरह के मानकविहीन सेंटर का संचालन हो रहा है. यहां बाहर में ही सेंटर के बड़े-बड़े बोर्ड टंगे हुए हैं. इस प्रकार के अल्ट्रासाउंड सेंटरों में मशीन तो असली होती है, लेकिन इसे चलाने वाले नकली व सड़क छाप लोग होते हैं. जो खुद ही मरीजों का जांच भी करते हैं और रिपोर्ट भी तैयार करते हैं. ऐसे रिपोर्ट से मरीजों का पूरा इलाज ही संदिग्ध हो जाता है. प्रतिष्ठित डॉक्टर भी इन्हीं रिपोर्ट के आधार पर मरीजों का इलाज शुरू कर देते हैं. कई मामलों में इस प्रकार का इलाज नुकसानदेह साबित भी होता है.यहां होता है भ्रूण परीक्षण अधिकांश मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों में भ्रूण जांच की बात सामने आ रही है. भ्रूण परीक्षण के लिए आने वाले लोगों के लिए इस प्रकार का सेंटर स्वर्ग माना जाता है. भ्रूण परीक्षण कर लोग आश्वस्त तो होते ही हैं. साथ ही सेंटर के संचालकों को मोटी रकम भी मिल जाती है. बताया जाता है कि मानक विहीन सेंटरों के संचालक लिंग निर्धारण की जानकारी सांकेतिक रूप से जांच कर्ता को देते हैं. यह अलग बात है कि ऐसे सेंटरों में भी मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा होता है कि यहां लिंग परीक्षण नहीं किया जाता है. दरअसल लिंग परीक्षण ही ऐसे सेंटरों के लिए संजीवनी का काम करता है. आदेश की अवहेलना कर होती है जांच स्वास्थ्य विभाग ने जिन एमबीबीएस डॉक्टरों को फीटर यानी गर्भ जांच करने की छूट दे कर सेंटर संचालन करने की अनुमति दी थी, वैसे तमाम सेंटरों में तमाम प्रकार की जांच भी धड़ल्ले से हो रहे हैं. इस जांच रिपोर्ट से मरीजों का इलाज पर प्रभाव पड़ता है. चूंकि ऐसे अल्ट्रासाउंड संचालक डॉक्टर होते हैं, इसलिए विभाग ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई से हमेशा कतराती रहती है. समय-समय पर विभाग के द्वारा मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कार्रवाई भी हुई और वक्त के साथ खुलते भी चले गये, जो अपने आप में अहम सवाल है. कौन है अवैध संचालक स्वास्थ्य नगरी में मानकविहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालन में डॉक्टरों के कंपाउंडर बिचौलिया एवं किसी डॉक्टर के पास रह कर काम सीखने वाले सड़क छाप लोग होते हैं, जो निजी लोभवश मरीजों को फांस कर अपने सेंटर पर लाते हैं और उनका अल्ट्रासाउंड कर मोटी रकम वसूल करते हैं. ऐसे संचालकों के पास डॉक्टरों के लंबी-चौड़ी साइन बोर्ड तो लगी रहती है, किंतु वहां से डॉक्टर नदारद होते हैं. यही सड़क छाप लोग मरीजों को रिपोर्ट भी तैयार कर दे देते हैं. टिप्पणी जल्द ही चिकित्सकों की टीम गठित कर तमाम मानकविहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की जायेगी. जांच में जो भी सेंटर मानकों को पूरा करने में अक्षम होंगे, उन पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगी. डॉ एमएम वसीम, सिविल सर्जन, पूर्णिया फोटो:- 08 पूर्णिया 06परिचय:- अल्ट्रासाउंड मशीन के पास डोपलर के साथ चिकित्सक

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें