पूर्णिया: जिला मुख्यालय में गरीबी और बेबसी की चक्की में मासूम बचपन पिस रहा है. सैकड़ों बच्चे मां-बाप और स्कूल से दूर बाल मजदूर बन बियर बार में बियर परोस रहे हैं, तो कहीं होटलों में लोगों की जूठन उठाने और जूठन पर पलने को मजबूर हैं. इस स्याह सच का खुलासा रविवार को उस समय हुआ, जब पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी की ओर से गठित विशेष पुलिस टीम ने अलग-अलग जगहों से 24 बाल मजदूरों को मुक्त कराया. टीम का नेतृत्व सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनोज कुमार कर रहे थे.
इन बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त : विशेष अभियान में गया के छोटू मुनी (12 वर्ष), लाइन बाजार के सोनू (13), बिहारीगंज के छोटू(13), बिहारीगंज के लालू(10), बिहारीगंज के पवन(13), बड़हरा कोठी के लाल बहादुर(14), बस स्टैंड के गौतम(10), अररिया के अमर(12), बड़हरा कोठी के मंटू(14), फलका के कपिल(12), कदवा के उत्तम(12), केनगर के राजा(14), केनगर के आकाश(14), मीरगंज के अवधेश(10), मीरगंज के नंदन(14), मीरगंज के सुभाष(14), मरंगा के गौतम(14), सीतामढ़ी के रामकुमार(10), मीरगंज के आंशिक (12), सिपाही टोला के शमशेद(14), चूनापुर के प्रिंस(10), खजांची हाट के मो तबरेज(13), अररिया के मंटू मरांडी(14) और रौतारा के छोटू पासवान(14) शामिल हैं. इन सभी 24 बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया गया है, जहां आगे की कार्रवाई की जा रही है.
कहते हैं एसपी
मामला सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया है. सीडब्ल्यूसी बाल मजदूरी के नियोक्ताओ ंके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.
निशांत कुमार तिवारी, एसपी