पूर्णिया. पूर्णिया की चिकनी सड़क पर मौत नाच रही है. सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े बयां कर रहे हैं कि पिछले एक माह में 17 लोगों की मौत हुई व 33 घायल हुए. नशे में ड्राइवर, टीन एजर्स बाइकर्स व ट्रैफिक नियमों से अनभिज्ञ ऑटो चालक सड़क हादसों को जन्म दे रहे हैं. पूरे प्रकरण में ट्रैफिक पुलिस उदासीन बनी है.
नशे में गाड़ी चलाना बना फैशन : टीन एजर्स बाइकर्स शराब एवं सिगरेट के नशे में गाड़ी उड़ाने के शौकीन बन रहे हैं. नशे की हालत में बिना आगे-पीछे देखे बाइक को सड़कों पर बिंदास दौड़ाते हैं, जो प्राय:दुर्घटना का सबब बन जाता है. हाल के दिनों में आस्था मंदिर के पास हुई सड़क दुर्घटना भी शराब के नशे में ही हुई थी. ऐसे बाइकरों पर ट्रैफिक पुलिस अंकुश भी नहीं लगा पाती हैं.
बिना लाइसेंस के होते हैं चालक : अधिकांश टीन एजर्स शहर के सड़कों पर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बाइक को फर्राटे भर कर उड़ाते हैं. ऐसे अधिकांश बाइकर्स बड़े बाप के बिगड़ैल बेटे होते हैं, जो अपनी जान तो जोखिम में डालते ही हैं. साथ ही लोगों के मौत के भी कारण बनते हैं. ऐसे बाइकरों पर नकेल डालने के लिए वाहन चेकिंग अभियान भी चलाये जाते हैं, लेकिन ऐसी जांच महज खाना पूर्ति मात्र होती है.
अपरिपक्व ऑटो चालक की भरमार : शहर में लगभग चालीस फीसदी ऑटो चालक निमुछिए हैं, जो बीच सड़क पर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं. आगे-पीछे बिना देखे बीच सड़क पर ही सवारी लेने या उतारने के लिए ऑटो खड़ी कर देते हैं. जो हादसों का सबब बन जाता है. जानकारों के अनुसार ऐसे अधिकांश चालकों के पास लाइसेंस नहीं होता है. यही कारण है कि जब कभी पुलिस की ओर से अभियान चलाया जाता है, तो अचानक सड़कों से ऑटो गायब हो जाता है.