पूर्णिया: कोसी एवं पूर्णिया प्रमंडल के चर्चित स्वतंत्रता सेनानी बुलानंद मिश्र उर्फ स्वतंत्र मिश्र अब नहीं रहे. उनका निधन बुधवार की अहले सुबह पूर्णिया स्थित उनके आवास पर हो गयी. वे 99 वर्ष के थे. स्व मिश्र मूल रूप से धमदाहा अनुमंडल के कुकरौन नंबर वन के निवासी थे. उनके निधन से पूर्णिया के बुद्धिजीवियों में शोक की लहर है.
स्व मिश्र वर्ष 1937 में इनकी मुलाकात धमदाहा स्थित विसनपुर गांव में महात्मा गांधी व डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से हुई थी. उन दोनों महामानवों ने ही इनका नाम बुलानंद से स्वतंत्र मिश्र रखा था. सन् 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. अंग्रेजों के विरुद्ध तब तक लड़ते रहे जब तक देश आजाद नहीं हो गया.
जिला प्रशासन भी संजीदा
स्व मिश्र के निधन पर जिला प्रशासन भी संजीदा हो गया. खबर मिलते ही एडीएम रामनिवास पांडेय एवं के नगर सीओ उनके आवास पर पहुंचे. प्रशासन की ओर से इन दोनों अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उधर बुजुर्ग समाज के अध्यक्ष भोलानाथ आलोक, अभिमन्यु कुमार मन्नू, विजय श्रीवास्तव आदि लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. मौके पर बुजुर्ग समाज के श्री आलोक ने कहा कि स्वतंत्र मिश्र के आदर्श और विचार महात्मा गांधी एवं लोहिया से मिलता जुलता था. वे जीवन र्पयत न हारे और न थके. मौके पर अधिवक्ता एनएन झा, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकार संगठन के अध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा ने भी गहरी संवेदना जताते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया. उधर वरिष्ठ पत्रकार सह समाजसेवी वीके ठाकुर एवं गांधीवाद समर्थक विजय कुमार श्रीवास्तव ने स्वतंत्र मिश्र के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि पूर्णिया ने एक अच्छे एवं विचारों के धनी वाले अभिभावक खो दिया. उनका व्यक्तित्व और कृतित्व को इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा.
g=HI>नरेंद्र कुमार, अजय कुमार, सुबोध छवि उपस्थित थे.