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टेंपो क्या रुका, धन्नों की निकल पड़ी

गुलाबबाग: हाइवे सुना रहा. शहर के सड़कों से टेंपो नदारद, सफर से चल कर घर तक पहुंचने वाले खासे परेशान दिखे. टेंपो के अभाव में कुछ मैजिक गाड़ी कुछ ठेला गाड़ी पर लटके तो कुछ पैदल ही धूप में मंजिल की तरफ चल पड़े. दरअसल पथ परिवहन व सुरक्षा विधेयक 2014 के विरुद्ध गुरुवार को […]

गुलाबबाग: हाइवे सुना रहा. शहर के सड़कों से टेंपो नदारद, सफर से चल कर घर तक पहुंचने वाले खासे परेशान दिखे. टेंपो के अभाव में कुछ मैजिक गाड़ी कुछ ठेला गाड़ी पर लटके तो कुछ पैदल ही धूप में मंजिल की तरफ चल पड़े. दरअसल पथ परिवहन व सुरक्षा विधेयक 2014 के विरुद्ध गुरुवार को पूर्णिया में टेंपो चालकों के हड़ताल का असर व्यापक रूप से दिखाई पड़ा. लंबे सफर से चल कर पूर्णिया जंकशन व बस स्टैंड गुलाबबाग जीरो माइल में पहुंचे यात्रियों को इसकी पीड़ा ङोलनी पड़ी. यात्री सवारी के अभाव में भटकते रहे न तो टेंपो मिला न ही रिक्शा ऊपर से कड़ाके की धूप से हलकान कोई मैजिक पर लटक कर घर के रास्ते चला तो कोई ठेला गाड़ी की सवारी खोज निकल पड़ा. बल्कि कुछ पैदल ही मंजिल की तरफ चल पड़े. बल्कि इसका असर आर्थिक बाजार पर भी देखने को मिला.
बच्चों व महिलाओं को हुई परेशानी
हड़ताल से सर्वाधिक परेशानी महिला यात्रियों व बच्चों को ङोलनी पड़ी. बैचलर यात्री तो जैसे तैसे सफर कर घर व मंजिल तक पहुंचे, लेकिन परिजन बच्चे व लगेज के साथ यात्रा कर बस स्टैंड व रेलवे जंकशन तक पहुंचने वाले यात्रियों को टेंपो के हड़ताल से खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.
बाजार पर रहा व्यापक असर : आर्थिक बाजार गुलाबबाग में टेंपो हड़ताल का व्यापक असर दिखा. ज्ञात हो कि बायसी, डगरूआ, कसबा, जलालगढ़, पूर्णिया, श्रीनगर, केनगर सहित दो दर्जन से ज्यादा प्रखंडों आने वाले हजारों वैसे खुदरा कारोबारी जो गुलाबबाग मंडी से कारोबार करते हैं टेंपो हड़ताल के कारण मंडी नहीं पहुंच पाये अलबत्ता आर्थिक बाजार पर इसका अच्छा खासा असर पड़ा.
टमटम पर की सवारी
सरकारी व विभागीय फरमान के विरुद्ध घोषित टेंपो हड़ताल में टेंपो शहर के सड़कों से गायब था वहीं गाहे बगाहे दिखने वाला टमटम पर लोगों ने खूब सवारी की. शोले फिल्म की धन्नो शहर की सड़कों से लेकर गांव की चिकनी सड़कों पर दौड़ती रही. बच्चों व शहरी नयी पीढ़ी के लिए टमटम की सवारी का अनुभव नया था, वहीं 40 पार यात्री टमटम की सवारी करते यह भी कहते रहे चल धन्नो इज्जत का सवाल है. गुरुवार को शहर के सड़कों पर टमटम की सवारी भी खूब दिखी. लोग यह भी कहते दिखे कि हड़ताल के बहाने ही सही पुरानी यादें ताजा हो गयी.
नहीं चली गाड़ियां
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित पथ परिवहन व सुरक्षा विधेयक 2014 के खिलाफ वाहन चालक हड़ताल पर रहे. जिस कारण शहर में बस व ऑटो का परिचालन पूरी तरी ठप रहा. देशव्यापी हड़ताल को लेकर विभिन्न चालक संघ द्वारा जगह-जगह जाम और प्रदर्शन किया गया. हालांकि प्रशासन की पहल पर जाम को हटाया गया. लेकिन शहर में बस और ऑटो का परिचालन नहीं हुआ.
पांच बजे के बाद सड़कों पर कुछ-कुछ परिचालन शुरू हुआ. हड़ताल के कारण आम लोगों को काफी परेशानी हुई. दूर-दराज से आने वाले लोगों को जहां गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी पैदल ही तय करनी पड़ी वहीं जिला मुख्यालय से बाहर निकलने वालों का भी यही हाल रहा. इससे सबसे ज्यादा दूर-दराज जाने वाले यात्रियों को परेशानी हुई. जिला ऑटो रिक्शा संघ के अध्यक्ष मो जहांगीर और सचिव संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि यह हड़ताल पथ परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक 2014 को वापस लेने को लेकर किया गया. बंद पूरी तरह सफल रहा. यात्री पैदल चलने को विवश हुए. हालांकि पूर्णिया में प्राकृतिक आपदा को लेकर विधि व्यवस्था बाधित न हो इसलिए रोड जाम नहीं करने का निर्णय लिया गया. उन लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सदर एसडीओ को सौंपा. उधर पूर्णिया प्रमंडलीय परिवहन कर्मचारी संघ के द्वारा सुबह से बंद रहा. जिसमें चालकों का सहयोग रहा. संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा कि चालकों की मांग पूरी होनी चाहिए. बिल हमारे हित में नहीं है.
मांगें पूरी नहीं होने पर भूख हड़ताल किया जायेगा. बंद को सफल बनाने में कांग्रेस जिलाध्यक्ष इंदू सिन्हा, बस एसोसिएशन के अध्यक्ष जय हिंद सिंह, प्रमोद चौधरी, मिथिलेश सिंह, सुशील कुमार, बौआ झा, राजू सिन्हा, महामंत्री दिलीप पाठक, दिलीप सिंह, गौतम सिंह आदि शामिल थे.

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