पूर्णिया : जिले में अभी भी एक सौ से अधिक गांव के लोग यातायात समस्या का दंश ङोल रहे हैं, लेकिन अधिकांश ग्रामीण इलाकों में बनी सड़कों से रोजगार के नये द्वार जरूर खुले हैं. सड़कों के निर्माण के साथ रोजगार के कई माध्यमों से लोगों के आय बढ़े हैं. बेरोजगार युवकों के लिए सड़कें बनी जीवन दायिनी: बेरोजगार युवकों के लिए अच्छी सड़क जीवन दायिनी साबित हो रही है. ऑटो-रिक्शा परिचालन जैसे रोजगार के साथ व्यावसायिक फसलों की खेती को नया आयाम मिला है. इसी तरह कई चौक-चौराहों पर अब छोटे-छोटे बाजार गुलजार हो गये हैं और इससे भी कई लोगों को रोजी-रोटी का अवसर मिला है.
आवागमन में सुविधा: सड़कों के निर्माण होने से ग्रामीण इलाकों में भी आवागमन की सुविधा आसान हुई है. यही कारण है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार शहर से सामान लाकर गांव में बेच रहे हैं. इससे कई परिवारों की जिंदगी अच्छी तरह कट रही है. ऐसे लोगों को अब बैंकों से भी सहयोग मिल रहा है. वाहनों में सबसे ज्यादा ऑटो पर ही फाइनांस किया जा रहा है.
सड़कों के निर्माण से किसानों को फायदा: सड़कों के निर्माण होने से किसानों को भी फायदा हुआ है. अब वे अपने अनाज को सीधे मंडी में पहुंचा कर अनाजों का सही मूल्य प्राप्त कर रहे हैं. वे बाजारों से उन्नत बीज खाद वगैरह आसानी से लाकर अधिक उपज प्राप्त कर रहे हैं. सड़क बनने से व्यावसायिक खेती को बढ़ावा मिला है. किसान अब सब्जी खेती को बढ़ावा देकर सीधे शहर के मंडी में पहुंचा रहे हैं. किसान कम जमीन पर सब्जी उपजा कर ऑटो के माध्यम से प्रतिदिन शहर के सब्जी मंडी पहुंच कर उचित मूल्य प्राप्त रोजी-रोटी चला रहे हैं.
लोगों को हुई सहूलियत: ग्रामीण सड़कों के निर्माण से जहां आवागमन की सुविधा बढ़ी है वहीं लोगों के साथ संपर्क भी बढ़ा है. मोबाइल के युग में किसी को अच्छी व बुरी खबर पर लोग तुरंत पहुंचते हैं. पहले यातायात के अभाव में आने-जाने की परेशानी के चलते लोग कई जरूरी कामों को छोड़ देते थे. यातायात की सुविधा से लोग एक ही दिन में लंबी दूरी तय कर काम निबटा कर घर आ जाते हैं.