वहीं सपना भी अपने माता-पिता से मिल कर काफी भावुक हो गयी. सपना के पिता देशराज नयी दिल्ली के उत्तम नगर थाना क्षेत्र के सीबन चौक के रहने वाले हैं. केनगर थाना पुलिस ने सपना को 29 सितंबर 2013 को महिला हेल्प लाइन को सुपुर्द किया था. महिला हेल्प लाइन के काफी खोजबीन के बाद उसके माता पिता को ढूंढ़ निकाला.
Advertisement
डेढ़ वर्ष बाद सपना को मिला माता-पिता का सहारा
पूर्णिया: दिल्ली से करीब डेढ़ वर्ष पूर्व भाग कर पूर्णिया पहुंची सपना (19 वर्ष) को सोमवार को माता-पिता का सहारा मिला. 29 सितंबर 2013 से महिला हेल्प लाइन पूर्णिया के अल्पावास में रह रही सपना को महिला हेल्पलाइन ने दिल्ली से पहुंचे उसके माता-पिता के हवाले कर दिया. दिल्ली स्थित उत्तम नगर से पूर्णिया पहुंचे […]
पूर्णिया: दिल्ली से करीब डेढ़ वर्ष पूर्व भाग कर पूर्णिया पहुंची सपना (19 वर्ष) को सोमवार को माता-पिता का सहारा मिला. 29 सितंबर 2013 से महिला हेल्प लाइन पूर्णिया के अल्पावास में रह रही सपना को महिला हेल्पलाइन ने दिल्ली से पहुंचे उसके माता-पिता के हवाले कर दिया. दिल्ली स्थित उत्तम नगर से पूर्णिया पहुंचे उसके पिता देशराज और मां सुनीता देवी अपनी भटकी बेटी को पाकर काफी खुश हुई और इसके लिए महिला हेल्प लाइन पूर्णिया के प्रति आभार जताया.
क्या है मामला
बताया जाता है कि सपना अपने पिता के थप्पड़ मारने पर गुस्से में अपनी सहेली वंदना के साथ दिल्ली से भाग कर पूर्णिया जिले के कसबा थानांतर्गत सदवैली गांव चली आयी. सपना को सदवैली में छोड़ कर वंदना गायब हो गयी. जहां से अनुराधा नाम की महिला उसे अपने घर ले आयी. उसने दिल्ली में काम कर रहे अपने बेटे रामू महलदार के साथ मंदिर में सपना की शादी करवा दी.
पति बात-बात पर करता था पिटाई
सपना ने बताया कि शादी के बाद उसका पति बात-बात पर उसकी पिटाई करता था. पति की मारपीट की घटना से तंग आकर उसने जहर खा लिया था. सास ससुर के इलाज करवाने के बाद उसकी जान बची. रोज-रोज की घटना से तंग आकर एक दिन ससुराल से दिल्ली वापस जाने के लिए भाग निकली. ससुराल से भागने के क्रम में किसी गांव के मुखिया से उसने बस स्टैंड के बारे में पूछा. मुखिया ने उसकी कहानी सुनने के बाद केनगर थाना पुलिस को दूरभाष से मामले की सूचना दी. जहां से पुलिस ने उसे अल्पावास गृह पहुंचा दिया. महिला हेल्प लाइन की परियोजना प्रबंधक अनिता कुमारी ने बताया कि अल्पावास गृह में जनवरी 2015 तक 361 संवासिनों को सुरक्षा प्रदान की गयी. इसमें से 337 संवासिनों को पुनर्वासित भी किया गया है. पुनर्वासित संवासिनों में बड़ी संख्या में बिहार के बाहर की महिलाओं व लड़कियों को, जो घर से भागी अथवा भटक गयी थी, उन सबों को परिजनों के सुपुर्द किया गया.
सपना चार बहन में बड़ी
इधर, पूर्णिया पहुंचे सपना के पिता देशराज ने बताया कि उनके दो बेटे व चार बेटियां हैं. इसमें सपना सबसे बड़ी बेटी है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी के गायब होने की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस में दर्ज करायी थी. इधर 9 फरवरी 2015 को नयी दिल्ली के उत्तम नगर थाने की पुलिस ने उनके घर आकर गायब सपना के बारे में जानकारी दी. इसके बाद वे पूर्णिया पहुंचे. देशराज ने बताया कि वह दिल्ली में रिक्शा चला कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement