* भाकपा माले, ऐपवा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी व एसडीओ के निलंबन को लेकर सड़क पर उतरे कार्यकर्ता
पूर्णिया : महिला आंदोलन पर दमन सदर एसडीओ के निलंबन और माले–ऐपवा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ भाकपा माले ने मंगलवार को प्रतिवाद मार्च निकाला. आयोजित मार्च अमला टोला, मधुबनी पार्टी कार्यालय से चल कर थाना चौक तक पहुंचा.
इस दौरान प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गयी. प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व भाकपा माले राजनेता सह ऐपवा राज्य सचिव अनिता सिन्हा, राज्य स्थायी समिति सदस्य राजा राम और खेमस राज्य उपाध्यक्ष गोपाल दास ने संयुक्त रूप से किया. नारेबाजी के बाद प्रतिवाद मार्च सभा में बदल गया.
सभा को संबोधित करते हुए अनिता सिन्हा ने कहा कि 20 जुलाई को ऐपवा का राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत जिला पदाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन था. इसी दौरान सदर एसडीओ द्वारा सैकड़ों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. पुलिस ने दमनकारी कार्रवाई कर आंदोलन के बाद घर लौट रहे महिला–पुरुष कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर उन्हें घंटों थाना में बंद रखा गया.
श्रीमती सिन्हा ने कहा कि छह महिलाओं सहित 27 लोगों को जेल में डाल दया गया. वहीं राजाराम ने कहा कि पूर्णिया में सरकार गरीब–आदिवासी जनता पर सामंती व भूधारी के पक्ष में दमन चला रही है. विरोध में आवाज उठाने पर पुलिस और पदाधिकारी के साथ–साथ विधायक लेसी सिंह भी माले ऐपवा कार्यकर्ताओं को धरना प्रदर्शन में पूर्णिया आने से रोक रही थी.
खेमस नेता गोपाल रविदास ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों के आवाज को नहीं दबा पायेगी. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा आंदोलन करने के क्षेत्र को सीमित कर दिया गया है. ये लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के खिलाफ है. उन्होंने जेल में बंद माले–ऐपवा नेताओं के बिना शर्त रिहाई की मांग की.