पूर्णिया : सीमांचल को मधुमेह की गिरफ्त से बाहर निकालने के लिए अब डॉक्टर दौड़ लगाएंगे. दवा के बदले योग को अपनाने की राह दिखाएंगे. इस मुहिम को शुरू करने के लिए डॉक्टरों ने 14 नवंबर यानी मधुमेह दिवस को चुना है. असल में डॉक्टरों का मानना है कि सीमांचल क्षेत्र में मधुमेह काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इस हालत से उबारने के लिए केवल डॉक्टर के नाते पीड़ित मरीज को दवा देना ही काफी नहीं है, बल्कि अब अवाम को जागरूक करने की जरूरत है.
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सीमांचल को मधुमेह के चंगुल से निकालने को लगाएंगे दौड़
पूर्णिया : सीमांचल को मधुमेह की गिरफ्त से बाहर निकालने के लिए अब डॉक्टर दौड़ लगाएंगे. दवा के बदले योग को अपनाने की राह दिखाएंगे. इस मुहिम को शुरू करने के लिए डॉक्टरों ने 14 नवंबर यानी मधुमेह दिवस को चुना है. असल में डॉक्टरों का मानना है कि सीमांचल क्षेत्र में मधुमेह काफी खतरनाक […]
मंगलवार को आइएमए हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इस अभियान की जानकारी देते हुए अभियान के संयोजक और मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. आर के मोदी ने बताया कि आइएमए, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया, क्लिनिकल कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया, स्त्री रोग विशेषज्ञों के संगठन समेत डॉक्टरों के विभिन्न संगठन एकजुट हुए हैं और इस मुहिम को मुकाम दिलाने का संकल्प लिया है. इस मुहिम में मारवाड़ी युवा मंच, रॉटरी क्लब, लायंस क्लब, एमआर एसोसिएशन समेत विभिन्न संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है.
साइक्लो-वाकाथन के लिए शहरवासियों को किया गया आमंत्रित : 14 नवंबर को मुहिम की शुरुआत साइक्लो-वाकाथन से होगी. इंदिरा गांधी स्टेडियम से सुबह 7 बजे साइकिल और वॉकिंग करते हुए डॉक्टर जागरूक करेंगे. इसमें शहरवासियों को भी आमंत्रित किया गया है. स्टेडियम से सदर अस्पताल तक यह जागरूकता रैली निकाली जाएगी. इस रैली के दौरान जागरूकता के विभिन्न माध्यमों से सीमांचल के लोगों को जागरूकता का संदेश दिया जाएगा.
आइएमए हॉल में आयोजित होगा जागरूकता शिविर : 14 नवंबर को सुबह 9 बजे से जागरूकता शिविर आयोजित की जाएगी. इसमें खासतौर से युवाओं और किशोरों से भाग लेने का आह्वान किया गया है ताकि नई पीढ़ी को मधुमेह का जमीनी सच का पता चले और परहेज से वे इस रोग से बचाव का रास्ता अख्तियार कर सकें.
इस शिविर में मधुमेह रोगियों के परिजन भी आकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इस शिविर का उदघाटन एपीआई के नवनियुक्त नेशनल प्रेसीडेंट प्रो़ डॉ. कमलेश तिवारी करेंगे, जबकि मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डॉ. मधुसूदन प्रसाद होंगे. शिविर के दौरान जागरूकता के लिए एक फिल्म भी प्रदर्शित की जाएगी.
जागरूकता दिखा शहरवासी दें बड़ा संदेश: डॉ एएन केजरीवाल
आइएमए अध्यक्ष डॉ ए एन केजरीवाल ने कहा कि इस जागरूकता अभियान में शामिल होकर शहवासी जहां अपनी जागरूकता का अहसास कराएंगे वहीं इससे पूरे क्षेत्र में बड़ा संदेश जाएगा. हमारे अभियान की कामयाबी के लिए भी अधिक से अधिक जनभागीदारी की जरूरत है. इसलिए गुजारिश है कि साइकिल या वॉक के माध्यम से इस अभियान का हिस्सा बनें.
पॉक्स व पोलियो के बाद मधुमेह को खदेड़ने की बारी : डॉ देवी राम
शहर के वरिष्ठ चिकित्सक व एपीआई राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. देवी राम ने कहा कि मधुमेह रोग की जाल में हमारा देश इस कदर फंस गया है कि मधुमेह का वर्ल्ड कैपिटल की संज्ञा मिल गई है. मगर हमारे मजबूत इरादे पहले भी जाहिर हुए हैं. जागरूकता के बल पर हमने पोलियो और पॉक्स को बाहर किया है. यही जज्बा अब मधुमेह की रोकथाम में भी दिखाने की जरूरत है.
ब्लड सुगर की जांच को लेकर दिखाएं जागरूकता : डॉ. संजीव कुमार
आइएमए बिहार चैप्टर के संयुक्त सचिव डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि ब्लड सुगर की जांच को लेकर भी काफी भ्रांतियां हैं. कई रोगी वैकल्पिक उपायों की मदद से ब्लड सुगर कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं. मगर वे अपने उपाय को कारगर जताने के लिए ब्लड सुगर की नियमित जांच कराना बंद कर देते हैं. यह आगे चलकर विषम स्थिति पैदा कर देती है. इसके लिए जागरूकता बेहद जरूरी है.
गर्भवती महिलाएं मधुमेह के प्रति रहें सचेत: डॉ अनुराधा सिन्हा
पूर्णिया ऑफ्स एंड गायनी सोसाइटी की सचिव डॉ. अनुराधा सिन्हा ने कहा कि मधुमेह का खतरा गर्भवती महिलाओं में भी रहता है. इसलिए गर्भावस्था के दौरान ब्लड सुगर की निर्धारित अवधि में स्क्रीनिंग की जाती है. इसी स्क्रीनिंग और जागरूकता की वजह से मधुमेह पीड़ित गर्भवती महिला की पहचान होती है और फिर उसकी संतानों को इस रोग से बचाव के कारगर उपाय किए जाते हैं.
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