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घोषपाड़ा व लखनझड़ी में वीरानगी तो बंगाल के पांजीपाड़ा हो गया गुलजार
पूर्णिया : शनिवार को पुलिसिया कार्रवाई के बाद कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा एवं गुलाबबाग के लखनझड़ी की देहमंडी में रविवार को पूरे दिन वीरानगी छायी रही. मुहल्ले में ज्यादातर घरों के दरवाजे पर ताला लटका रहा. जहां घर खुले हुए भी थे, वहां केवल बुजुर्ग लोग ही नजर आये. खास बात यह थी कि कोई […]
पूर्णिया : शनिवार को पुलिसिया कार्रवाई के बाद कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा एवं गुलाबबाग के लखनझड़ी की देहमंडी में रविवार को पूरे दिन वीरानगी छायी रही. मुहल्ले में ज्यादातर घरों के दरवाजे पर ताला लटका रहा. जहां घर खुले हुए भी थे, वहां केवल बुजुर्ग लोग ही नजर आये. खास बात यह थी कि कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं था.
जानकारी के अनुसार घोषपाड़ा में हुई छापेमारी की भनक मिलते ही लखनझड़ी के अधिकांश सेक्स वर्कर दलालों के साथ बंगाल के पांजीपाड़ा व इस्लामपुर के लिए रवाना हो गये. घोषपाड़ा में हुए 22 महिला व पुरुष की गिरफ्तारी से शेष बचे दलालों के बीच हड़कंप मच गया. जिसे दलाल आनन फानन में अपने-अपने ठिकाने की ओर लेकर चले गये. यहां से कुछ सेक्स वर्कर रौटा बाजार चली गयी. पुलिस की छापेमारी की सूचना का सबसे अधिक लाभ लखनझड़ी के सेक्स वर्करों ने उठाया. घोषपाड़ा में छापेमारी के बाद पुलिस लखनझड़ी के लिए जाती, लेकिन पूर्व में ही देहमंडी खाली हो जाने से वहां छापेमारी फिलहाल टाल दी गयी. जानकार बताते हैं कि लखनझड़ी और घोषपाड़ा की देहमंडी से जुड़े अधिकांश दलालों का संपर्क पांजीपाड़ा व इस्लामपुर की देह मंडी से रहा है. यही वजह है कि जब भी अभियान के तहत पुलिस छापेमारी की जाती है, इसमें पुलिस की गिरफ्त से बची सेक्स वर्कर भाग कर पांजीपाड़ा व इस्लामपुर पहुंच जाती है.
समय के साथ बढ़ता चला गया देह व्यापार का धंधा
जिस्मफरोशी के धंधे को जब-जब पुलिसिया अभियान के तहत दबाने की कोशिश की गयी, परिणाम अनुकूल नहीं निकला. हुआ यह कि एक जगह उजड़ने के बाद दूसरी जगह लोगों ने फिर जिस्मफरोशी का कारोबार आरंभ कर दिया. 30 अक्तूबर 2013 को तत्कालीन एसपी किम ने पूर्णिया के गुलाबबाग व कटिहार मोड़ स्थित देहमंडी को पूरी तरह बंद कराने के लिए कार्रवाई की थी. इस दौरान देह व्यापार से जुड़े करीब सात दर्जन महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इनमें से कई महिलाओं पर जबरन देह व्यापार कराने के गंभीर आरोप लगे थे. 2013 में तत्कालीन एएसपी दीपक वर्णवाल के नेतृत्व में भी कार्रवाई की गयी थी. इस मामले में सदर थाना कांड संख्या 454/13 दर्ज किया गया था. पुलिस द्वारा कई पेशेवर की गिरफ्तारी हुई थी. 2016 में तत्कालीन एसपी निशांत कुमार तिवारी के निर्देश पर घोषपाड़ा में छापेमारी की गयी थी, जिसमें एक दर्जन महिला व पुरुष को गिरफ्तार किया गया था. हैरानी की बात यह है कि सभी न्यायालय से मिली जमानत पर जेल से बाहर निकल कर फिर उसी जगह देह व्यापार में जुट गये. बहरहाल अब देखना यह है कि लखनझड़ी व घोषपाड़ा में छायी वीरानगी कब तक गुलजार होगी.
गिरफ्तार 16 लोग भेजे गये जेल
पूर्णिया. कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा स्थित देहमंडी से गिरफ्तार 22 लोगों में 16 लोगों को जेल भेज दिया गया. जानकारी देते हुए सदर थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना कांड संख्या 193/18 दर्ज किया गया है. जेल भेजे जाने वालों में 11 महिला एवं 05 पुरुष शामिल है. थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तारी में तीन बच्चियां भी थी. जिन्हें चाइल्ड लाइन के हवाले किया गया है. उन्होंने बताया कि देह व्यापार मामले में आशमा खातून एवं अकबर खलिफा मुख्य अभियुक्त है. आशमा का पुत्र एवं अकबर खलिफा की पत्नी को भी जेल भेजा गया है. सनद रहे कि एसपी के निर्देश पर शनिवार को घोषपाड़ा के देहमंडी में सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में छापेमारी की गयी थी जिनमें तीन बच्चियां सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
एसपी को दिया साधुवाद
पूर्णिया. सामाजिक कार्यकर्ता नीलम जायसवाल ने शनिवार को देहमंडी में हुए छापेमारी की कार्रवाई को लेकर एसपी विशाल शर्मा को साधुवाद दिया है. श्रीमती जायसवाल ने एसपी से मांग किया है कि जिले के हरदा, रौटा एवं बनमनखी के देहमंडी में भी इसी प्रकार छापेमारी की जाये तो वहां देह व्यापार में संलिप्त दर्जनों लड़कियों को मुक्त कराया जा सके. कहा कि इन मुक्त करायी गयी पीड़िता के लिए प्रशासनिक स्तर पर पुनर्वास की भी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ये मजबूर लड़कियां फिर इस दलदल में फिर वापस नहीं आ सके. श्रीमती जायसवाल ने कहा है कि लगातार छापेमारी अभियान जारी रखना चाहिए, ताकि फिर दुबारा यह कालाधंधा पनप नहीं सके.
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