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भाजपा से अलग होने का खामियाजा भुगतना पड़ा नीतीश को : किरण

पूर्णियाः सदर भाजपा विधायक किरण केशरी ने कहा कि नीतीश कुमार को भाजपा से अलग होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है. श्रीमती केशरी ने कहा कि जनादेश को देखते हुए नीतीश कुमार का इस्तीफा देना बिल्कुल उचित है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सीमांचल को छोड़ कर पूरे राज्य में भाजपा का बेहतर प्रदर्शन […]

पूर्णियाः सदर भाजपा विधायक किरण केशरी ने कहा कि नीतीश कुमार को भाजपा से अलग होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है. श्रीमती केशरी ने कहा कि जनादेश को देखते हुए नीतीश कुमार का इस्तीफा देना बिल्कुल उचित है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सीमांचल को छोड़ कर पूरे राज्य में भाजपा का बेहतर प्रदर्शन रहा. उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षो के राजग सरकार के कार्यकाल में राज्य के विकास में भाजपा की भागीदारी बराबर की रही जबकि नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ कर सारी वाहवाही अपने ऊपर लेने का प्रयास किया. जनता का फैसला उन्होंने देख लिया.

-पंकज सिंह जिला सचिव सह राज्य कमेटी सचिव भाकपा माले के अनुसार लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को नकार दिया है. इसी घबराहट में उन्होंने इस्तीफा दिया है और इस्तीफा के बहाने जन सहानुभूति जुटाने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार के नीतियों के कारण जो हालात बने हैं उसका खामियाजा भी नीतीश को भोगना पड़ेगा.

-सुनील कुमार सिंह माकपा जिला सचिव का मानना है कि बिहार में जन अधिकारों की बात करने नीतीश कुमार को जनता ने नकार दिया है. इस्तीफा एक बहाना है. इस बदौलत नीतीश कुमार पार्टी के अंदरूनी बगावत और टूट को पाटने, इस्तीफे के बहाने विधायकों को संगठित करने का ड्रामा कर रहे हैं. दो दिनों में यह तसवीर भी साफ हो जायेगी.

-दिलीप यादव राजद जिला अध्यक्ष सह पूर्व विधायक धमदाहा के मुतल्लिक नीतीश कुमार के विकास का पोल रिजल्ट के बाद ही खुल गयी थी. नीतीश कुमार के सुशासन और विकास के झूठे वादे को जनता ने नकार दिया था जो महज दो सीट के परिणाम ने साबित कर दिया है इन्हें पहले दिन ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था.

– माधव सिंह लोजपा जिला अध्यक्ष कहते हैं कि इस्तीफे की नौटंकी है. जिस कदर बिहार की जतना ने नीतीश को नकारा है लिहाजा उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफे के साथ विधान सभा भंग कराने की पेशकश राज्यपाल से करनी चाहिए.

– अशोक महतो बसपा जिलाध्यक्ष का मानना है कि नीतीश कुमार ने जल्दबाजी में निर्णय लिया है. बिहार की जनता से मिले जनादेश को स्वीकार करते हुए जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास प्रारंभ करना चाहिए था.

– विजय मांझी अधिवक्ता का मानना है कि नीतीश कुमार ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है. जो मजबूत लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए सही कदम है इससे लोकतंत्र मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का जनादेश ही सरकार के प्रति विश्वास तय करती है. इस चुनाव में जो जनादेश जनता ने बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को दिया है उस नजरिये से नीतीश कुमार का इस्तीफा देना लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास को बढ़ायेगा.

– नीरज खेमका सचिव चेंबर ऑफ कॉमर्स का मानना है कि लोकतंत्र में जनता और जनादेश से ही सरकार की दशा और दिशा तय होती है. जनता ने अपना जनादेश देकर सबको आइना दिखाया है. और नैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया है. हालांकि इस राजनैतिक परिस्थितियों के बीच इसका असर कारोबार को प्रभावित करेगा जो बिहार में कारोबारी जगत के लिए शुभ नहीं है.

-पवन राय युवा शक्ति के प्रदेश महासचिव कहते हैं कि नीतीश कुमार के इस्तीफे से बिहार में फासिस्ट ताकतों को खुला मैदान मिलेगा हालांकि जनादेश के लिहाज से नैतिकता का तकाजा था लेकिन सांप्रदायिक शक्ति से लड़ने के लिए सेकुलर ताकतों की सरकार आवश्यक थी. भाजपा के जोड़ तोड़ और बिहार सरकार के खिलाफ रचित षडयंत्र को इससे बल मिला है.

– अमौर भाजपा विधायक सवा जफर ने कहा कि केंद्र में बीजेपी के पूर्ण बहुमत मिलने से हताशा में आकर नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. उनका जनाधार समाप्त हो चुका है. चारों ओर बीजेपी का लहर है. बिहार में बीजेपी की सरकार बनना तय है.

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