पूर्णिया : भोलू हत्या मामले में मरंगा पुलिस को अहम सफलता मिली है. वैज्ञानिक अनुसंधान से पुलिस कड़ी-दर-कड़ी जोड़ने में सफल रही और अंतत: न केवल हत्या में शामिल अपराधियों की शिनाख्त हुई, बल्कि मंगलवार की देर शाम भोलू का शव भी कुरसेला में गंगा नदी से बरामद हो गया. शव की पहचान परिजनों ने […]
पूर्णिया : भोलू हत्या मामले में मरंगा पुलिस को अहम सफलता मिली है. वैज्ञानिक अनुसंधान से पुलिस कड़ी-दर-कड़ी जोड़ने में सफल रही और अंतत: न केवल हत्या में शामिल अपराधियों की शिनाख्त हुई, बल्कि मंगलवार की देर शाम भोलू का शव भी कुरसेला में गंगा नदी से बरामद हो गया. शव की पहचान परिजनों ने कर ली.
हत्यारे में चर्चित सुदीन चौक निवासी अमन सिंह की पहचान हुई है और उसने अन्य दो साथियों के साथ लाश को ठिकाने लगाया था. आरोपितों ने पुलिस को अनुसंधान के क्रम में दिग्भ्रमित किया, लेकिन अंतत: वैज्ञानिक अनुसंधान से हत्याकांड का पटाक्षेप हो गया. बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में मनिहारी घाट पर भोलू का परिजनों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार पूरा कर लिया गया.
रुपये के विवाद में मारी गोली
पुलिसिया पूछताछ में आरोपित पानी मंडल और छोटू साह तथा गोलू कुमार ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है. बताया जाता है कि कृष्णपुरी में गोवा में कार्यरत प्रोवेशनरी ऑफिसर विजय कुमार उर्फ बुश के घर 14 फरवरी को खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया था. उक्त घर में मालिक नहीं रहते हैं और उस घर का केयरटेकर पानी मंडल है. यहां खिचड़ी भोज चल ही रहा था कि करीब 9:15 बजे अमन सिंह अपने दो सहयोगियों के साथ पहुंचा. अमन के पास कारबाइन था. पहुंचते ही अमन ने भोलू पर बकाया एक लाख रुपये की मांग की. अमन और भोलू के बीच रुपये को लेकर तल्खी बढ़ती चली गयी. हस्तक्षेप करते हुए पानी मंडल ने भोलू से कहा ‘तुम रुपया क्यों नहीं दे देते हो’. गुस्से में भोलू ने कहा ‘क्या इसी के लिए मुझे बुलाया था, इसे क्यों बुलाया’. इसके बाद मामला बढ़ता चला गया और कुर्सी पर बैठकर खिचड़ी खा रहे भोलू को अमन ने आंख के नीचे गोली मार दी. भोलू की तत्काल ही मौत हो गयी.
अमन ने लाश लगाये ठिकाने
आरोपितों ने स्वीकार किया कि अमन सिंह ने स्वीफ्ट डिजायर गाड़ी (बीआर 11 यू 7692) से लाश को ठिकाने लगाया. मौत के बाद आनन-फानन में सबों ने मिलकर पहले बोरा की व्यवस्था की जो एक आटा मिल का था. उसके बाद प्लास्टिक की रस्सी से लाश को बांध कर बोरे में डाल दिया गया. घटना स्थल पर मौजूद खून के धब्बे को सबों ने मिलकर मिटाया. उसके बाद अमन ने अपने दोनों मित्र और चालक के साथ कुरसेला का रुख किया. मरंगा स्थित टॉल प्लाजा से यह गाड़ी रात्रि 10:17 मिनट पर गुजरी. लाश को कुरसेला पुल से गंगा नदी में फेंक दिया गया. सीसीटीवी फुटेज पुलिस के लिए अहम सुराग साबित हुआ. हालांकि लाश को ठिकाने लगाने से पहले कार का नंबर भी बदल दिया गया था. पुलिस उक्त कार को जब्त कर चुकी है.
पुल के पास अटकी मिली लाश
पुलिस ने अनुसंधान में मिली जानकारी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुरसेला में लाश की खोजबीन आरंभ की. खोजबीन के क्रम में रेल पुल के समानांतर बन रहे रेल पुल के श्रमिकों से पुलिस को अहम सुराग मिला. श्रमिकों ने बताया कि 25 जनवरी को बोरे में बंद लाश जैसी चीज को उन लोगों ने बहते हुए देखा था. उसके बाद मंगलवार को मोटर बोट के माध्यम से घंटों लाश की खोजबीन होती रही. खोज के क्रम में बन रहे पुल के पास नदी की धारा मोड़ने के लिए जो बांस पाइलिंग की गयी है, उसमें एक बोरा फंसा हुआ मिला. बोरा जब बरामद हुआ तो उससे भोलू की लाश बरामद हुई. लाश के साथ उसका पर्स भी बरामद हुआ जबकि दोनों मोबाइल गायब था.
आरोपितों ने खूब बरगलाया
भोलू हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती भरा रहा. लगातार संदिग्धों से पूछताछ और वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद मामले का पटाक्षेप हो सका. दरअसल, गिरफ्तार पानी मंडल, छोटू साह और गोलू कुमार ने आरंभिक दौर से ही पुलिस को खूब बरगलाया. पहले तो भोलू के कर्ज में डूबे होने और खुद गायब होने की बात कह कर पुलिस को बरगलाया और जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो सबों ने घटनाक्रम को तो स्वीकार किया लेकिन लाश को ठिकाने लगाने को लेकर अलग-अलग दिशा में अमन के जाने की बात कही. पुलिस ने सीडीआर और टावर लोकेशन पर सबूत इकट्ठा किया और मामले में सफलता हासिल की.
वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये भोलू हत्याकांड का खुलासा हो चुका है. हत्याकांड के तार उलझे होने की वजह से वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ समानांतर अनुसंधान और पूछताछ भी लगातार जारी रहा. सभी आरोपित की पहचान हो चुकी है. अमन सिंह समेत शेष हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है.
देवराज राय, थानाध्यक्ष मरंगा