शहर की अंदरूनी सड़कों का हाल काफी बुरा है. हालात देख ऐसा लगता है कि इन सड़कों को खेती करने के लिए जुताई कर रखा गया है. अभी इन सड़कों पर चार कदम पैदल भी चल पाना संभव नहीं है. वाहनों का चलना भी एक प्रकार से पहाड़ की यात्रा के समान है. ऐसा नहीं कि विभाग के पास इसके मरम्मत के लिए फंड नहीं है, बल्कि उदासीनता के अभाव में सड़क मेंटेन नहीं हो पा रहा है. संबंधित विभाग के अलावा नगर निगम की भी अनदेखी से इस तरह के हालात कई वर्षों से बने हुए हैं.
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शहर में ढूंढ़े नहीं िमलती चमचमाती सड़क
शहर की अंदरूनी सड़कों का हाल काफी बुरा है. हालात देख ऐसा लगता है कि इन सड़कों को खेती करने के लिए जुताई कर रखा गया है. अभी इन सड़कों पर चार कदम पैदल भी चल पाना संभव नहीं है. वाहनों का चलना भी एक प्रकार से पहाड़ की यात्रा के समान है. ऐसा नहीं […]
पूर्णिया : पूर्णिया सीमांचल का ऐसा जिला है कि जहां प्रत्येक माह कोई न कोई बड़ा आयोजन होता है. बड़े-बड़े नेताओं का आगमन रहता है. उच्च पदस्थ अधिकारियों का भी आना-जाना होता है. सड़क बनाने का निर्देश भी मिलता रहता है मगर काम नहीं होता. मधुबनी दुर्गामंदिर से मुख्य रोड तक जाने वाली सड़क, रंगभूमि मैदान से अंडा चौक तक जाने वाली रोड, बीबीएम रोड एवं बिहार टॉकिज रोड का कई वर्षों से कबाड़ा निकला हुआ है. इससे भी खराब हालत में शहर की अंदरूनी सड़कों का है. शहर के अन्य रोड का भी हालत बुरी है. चुनाव के समय बड़ी तेजी से सभी वार्डों में सड़क बनाने की बात उठी थी लेकिन खराब सड़क की मरम्मत के लिए कोई बात नहीं हुई. इससे नगर निगम की दिलचस्पी का पता चल गया.
मधुबनी दुर्गामंदिर से मुख्य रोड जाने वाली सड़क
मधुबनी दुर्गामंदिर से मुख्य रोड तक जाने वाली सड़क पिछले पांच वर्षों से जर्जर हालत में है. इस रोड पर शहर के सभी वीआइपी आते हैं मगर इधर किसी की नजर इनायत नहीं होती. लोग चाहते हैं मगर अधिकारी और जनप्रतिनिधि काफी उदासीन हैं.
रंगभूिम मैदान से अंडा चौक जाने वाली सड़क
रंगभूमि मैदान से अंडा चौक तक जाने वाली रोड करीब एक किलो मीटर से अधिक दूरी वाली सड़क का भी वही हाल है जो अन्य सड़कों की है. पिछले एक पंचवर्षीय काल से यह सड़क अपने जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है. नगर निगम का इस ओर कुछ भी ध्यान नहीं है.
भट्ठा झंडा चौक से बीबीएम रोड जाने वाली सड़क
भट्ठा झंडा चौक से बीबीएम रोड वाली सड़क में कुछ दूर तक विधायक राज किशोर केसरी के कार्यकाल में पीसीसी सड़क बनी जो निर्माण के दूसरे साल ही बिखर गयी. उसका मेंटेनेंस भी नहीं हुआ. नगर निगम ने इसकी मरम्मत करवाने की जहमत नहीं उठायी.
लाइन बाजार से होप चौराहा जाने वाली सड़क
लाइन बाजार से होप चौराहा तक बिहार टॉकिज रोड का इस कदर कबाड़ा निकला हुआ है कि अब यह सड़क पक्की से कच्ची हो गयी. अब तो लोग यह भी भूल गये हैं कि यहां कोई पक्की सड़क भी थी.
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