दिन में गर्मी सता रही, तो शाम ढलते ही सर्दी दिखा रही तेवर
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दिन में गर्मी सता रही, तो शाम ढलते ही सर्दी दिखा रही तेवर
दिन में गर्मी सता रही, तो शाम ढलते ही सर्दी दिखा रही तेवर पूर्णिया : मौसम बदल रहा है और लोग मौसमजनित बीमारियों के आसानी से शिकार हो रहे हैं. दिन में गर्मी का एहसास हो रहा है तो शाम ढलते ही सर्दी अपने तेवर दिखाने लगती है. ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है. […]
पूर्णिया : मौसम बदल रहा है और लोग मौसमजनित बीमारियों के आसानी से शिकार हो रहे हैं. दिन में गर्मी का एहसास हो रहा है तो शाम ढलते ही सर्दी अपने तेवर दिखाने लगती है. ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है. चिकित्सकों की मानें तो मौसम में बदलाव से खासकर बूढ़े और बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं.
जानकार बताते हैं कि मौसम के बदलाव को देखते हुए खासकर रहन-सहन और भोजन पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. जिन लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वे जल्दी ही सर्दी, खांसी व बुखार से प्रभावित हो जाते हैं. इसलिए सबसे अधिक बूढ़े और बच्चे इसकी चपेट में आते है. जानकार यह भी बताते हैं कि यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि प्रतिकूल मौसम का असर है. इन बीमारियों से बचने के लिए सावधानी के साथ-साथ घरेलू नुस्खा ज्यादातर कारगर साबित होता है.
घरेलू नुस्खा जैसे गर्म पानी में नमक मिला कर गलगलाना, तुलसीपत्ता, अदरक, काला मिर्च का काढ़ा पीना, ठंडे पानी की जगह गर्म पानी का सेवन करना, प्रदूषण से बचना आदि शामिल है.
साफ-सफाई में बरतें सावधानी : मौसमी रोग से बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है. चिकित्सक बताते हैं कि लोग अपने घर-आंगन को साफ कर कचरा आसपास के क्षेत्र में फेंक देते हैं, जिससे संक्रामक रोग के वाहक वहां वास करते हैं. घर के आसपास साफ-सफाई भी होना जरूरी है और खासकर नाला में जलजमाव नहीं होना चाहिए. जलजमाव होने से मच्छर एवं अन्य संक्रामक रोग फैलने की संभावना होती है. डा एस खान के अनुसार सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी, सिरदर्द और बदन दर्द वायरल इंफेक्शन से होता है. यह बीमारी संक्रामक कीटाणु और मच्छर के काटने से होता है. इस मौसम में गर्म पानी पीना चाहिए और वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए.
अस्पताल व निजी क्लिनिकों में बढ़ी भीड़
मौसम में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी और बुखार का प्रकोप बढ़ गया है. लोगों में इन बीमारियों से बचाव की जानकारी नहीं होने से ज्यादातर प्रभावित हो रहे हैं. संक्रामक रोग के कारण जिले के सरकारी अस्पताल से लेकर डॉक्टरों के निजी नर्सिंग होम और क्लिनिकों में मरीजों की भीड़ लगने लगी है. सदर अस्पताल में ही मात्र ओपीडी में ऐसे रोग से ग्रसित औसतन 200 मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे हैं. अस्पताल के बेड पर अधिकतर सर्दी, बुखार और खांसी से ग्रसित मरीज दिख रहे हैं. वहीं प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लिनिकों का भी कुछ ऐसा ही हाल है.
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