पटना : राज्य में बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना सितंबर के बाद तक रहती है. ऐसे में जब कोरोना से लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं. आपदा ने इस संभावित बाढ़ को देखते हुए सुरक्षा में लगे जवानों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी है. इससे बीमार लोगों को रेस्क्यू करते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा सकेगा. वहीं, चिकित्सकों को जवानों के साथ भी को-ऑर्डिनेशन टीम बनाकर जोड़ा गया है. साथ ही उन्हें यह बताया गया कि जब किसी बीमार व्यक्ति को रेस्क्यू किया जाये, तो उन्हें सबसे पहले क्या करना है. इसको लेकर माइक्रो प्लान तैयार किया गया है.
बाढ़ के दौरान खोज एवं बचाव काम में और ड्रोन का उपयोग किया जायेगा. आपदा के समय खोज एवं बचाव कार्य के दौरान होनेवाली परेशानियों को देखते हुए यह निर्णय किया गया है. ड्रोन के उपयोग का मकसद है कि दूरदराज में फंसे लोगों को भी अविलंब बचाया जा सके.
पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ मिल कर वृद्धजन, दिव्यांग, बच्चे, गर्भवती व धातृ महिलाओं की पहचान की गयी है, ताकि बाढ़ आने की स्थिति में उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित बाहर लाने में परेशानी नहीं हो. इस दौरान सरकार की ओर से मास्क का वितरण किया जायेगा. इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सुनिश्चित किया गया है कि परिवारों की संख्या क्या होगी, ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव नहीं हो सके.
एनडीआरएफ की 13 टीमों को संवेदनशील जिलों में तैनात कर दिया गया है. बाढ़ बचाव तथा अन्य अत्याधुनिक आपदा प्रबंधन उपकरणों के साथ कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया, नालंदा, छपरा, पटना तथा बक्सर में इनकी तैनाती है. वहीं, एसडीआरएफ की 14 टीमों और होमगार्ड के 100 जवानों को पूर्णिया, खगड़िया, सीवान, पटना, भागलपुर, सहरसा, मुजफ्फरपुर, वैशाली,मधुबनी, सीतामढ़ी, मधेपुरा, समस्तीपुर में तैनात किया गया है.
जवानों को कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है. जवानों को पीपीई किट, सेनेटाईजर, मास्क, फेस शील्ड, साबुन, हैंड वाश, फैब्रिकेटेड फेस हुड कवर दिया गया है, ताकि वह किसी भी अप्रिय स्थिति से निबट सकें.
Posted By : Kaushal Kishor