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कोर नेटवर्क से जुड़ेंगी चार हजार किमी जिला सड़कें

पहल. राज्य की पांच सौ ग्रामीण सड़कों की हो रही रिपोर्ट तैयार सड़कों की मरम्मत के साथ होगा उसका चौड़ीकरण पटना : करीब चार हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को मुख्य सड़क नेटवर्क से जोड़ने के लिए सड़कों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार होगी. रिपोर्ट के आधार पर इन सड़कों को पथ निर्माण विभाग कोर नेटवर्क में […]

पहल. राज्य की पांच सौ ग्रामीण सड़कों की हो रही रिपोर्ट तैयार
सड़कों की मरम्मत के साथ होगा उसका चौड़ीकरण
पटना : करीब चार हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को मुख्य सड़क नेटवर्क से जोड़ने के लिए सड़कों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार होगी. रिपोर्ट के आधार पर इन सड़कों को पथ निर्माण विभाग कोर नेटवर्क में शामिल करेगा. राज्य में लगभग 500 ऐसी सड़कें हैं जिसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार होनी है.
ये सड़कें ग्रामीण कार्य विभाग की थी. पिछले आठ-दस साल में इन सड़कों को पथ निर्माण विभाग में अपग्रेड किया गया. जानकारों के अनुसार लगभग चार हजार किलोमीटर सड़कों को लेकर पथ निर्माण को निर्णय लेना है. विभाग सड़कों को लेकर तैयार विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर तय करेगा कि इन सड़कों की मरम्मत करनी है या नहीं. अगर मानक के अनुसार सड़कों का अधिग्रहण नहीं हुआ होगा तो उसे वापस कर दिया जायेगा. विभागीय सूत्र ने बताया कि अभियंताओं को सड़कों का विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है.
विभाग रिपोर्ट के आधार पर लेगा निर्णय : विभाग अभियंताओं द्वारा तैयार विस्तृत रिपोर्ट पर निर्णय लेगी. अभियंताओं को सड़कों के बारे में विस्तृत जानकारी देना है. अगर मानक के अनुसार सड़कों का अधिग्रहण हुआ होगा तो सड़कों के मरम्मत के साथ उसका चौड़ीकरण का काम होगा. सूत्र ने बताया कि पथ निर्माण विभाग 2035 तक जनसंख्या के अनुसार सड़कों का मास्टर प्लान तैयार किया है. इसके अनुसार सड़कों का नेटवर्क तैयार होना है.
इसके लिए ग्रामीण सड़कों को मुख्य सड़क नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. राज्य के किसी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य पर विभाग काम कर रही है. चालू वर्ष में लगभग 1800 किलोमीटर जिला सड़कों का लगभग 3500 करोड़ की लागत से मरम्मत काम चल रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पिछले साल नवंबर में शुरू विभिन्न जिले में निश्चय यात्रा के दौरान सड़कों से संबंधित प्राप्त आवेदन पर पथ निर्माण विभाग ने अब मंथन शुरू कर दी है. विभाग इस बात का अध्ययन करने में जुट गय है कि सड़कों से संबंधित सारे मामले उनके हैं या फिर अन्य विभागों के. निश्चय यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों में लगभग 265 आवेदन सड़कों से संबंधित मिले थे.
इसके अलावे ऑनलाइन माध्यम से भी सड़कों से संबंधित सुझाव भी दिये गये थे. विभाग उन सारे तथ्यों को देख रही है. आवेदन में सड़कों के निर्माण से लेकर ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों को पथ निर्माण विभाग की ओर से अधिग्रहण करने को लेकर है. शहरी क्षेत्र की सड़कें खास कर नगर पर्षद, नगर पंचायत आदि सड़कों के भी मरम्मत करने का आग्रह पथ निर्माण विभाग से की गयी है. जानकारों के अनुसार विभाग की ओर से संबंधित जिले के कार्यपालक अभियंताओं से सड़क के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गयी है. अभियंताओं को इस बात की पूरी जानकारी देनी है कि संबंधित सड़क किस विभाग की है. अगर ग्रामीण कार्य विभाग की सड़क है, तो इसका अधिग्रहण कब किया गया. अधिग्रहण में नियम का पालन हुआ है या नहीं.
मिली जानकारी के अनुसार विभाग को मिले आवेदन में लगभग 15 फीसदी आवेदन पथ निर्माण विभाग की सड़कों से जुड़ी है. शेष 85 फीसदी आवेदन ग्रामीण कार्य विभाग और शहरी क्षेत्र से जुड़ी है. विभाग को मिले लगभग 265 आवेदन के अनुसार संबंधित जिलों के अभियंताओं को सड़कों के बारे में फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करनी है. इसमें सड़कों के बारे में विस्तृत जानकारी देनी है.
रिपोर्ट में यह भी दर्शाना है कि ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कें लेने लायक है या नहीं. अगर पहले से कोई सड़क पथ निर्माण विभाग में अधिग्रहण किया गया है, तो वह नियमानुसार है या नहीं.
विभागीय सूत्र ने बताया कि सड़कों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद सड़कों के निर्माण, मरम्मत या चौड़ीकरण को लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. सड़कों को लेकर प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर अधीक्षण व कार्यपालक अभियंताओं को रिपोर्ट देने को कहा है.

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