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दो को कोसी मलवरी परियोजना पर प्रधान सचिव लेंगे बैठक

पटना. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ दो जून को सुपौल में मुख्यमंत्री कोसी मलवरी परियोजना की समीक्षा करेंगे. इसमें परियोजना में शामिल सात जिलों के पदाधिकारी भी शामिल होंगे. बैठक में परियोजना के कार्यक्रमों को नये तरीके से बनाने और चलाने पर विचार किया जायेगा. कोसी मलवरी परियोजना का मकसद यह है कि […]

पटना. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ दो जून को सुपौल में मुख्यमंत्री कोसी मलवरी परियोजना की समीक्षा करेंगे. इसमें परियोजना में शामिल सात जिलों के पदाधिकारी भी शामिल होंगे. बैठक में परियोजना के कार्यक्रमों को नये तरीके से बनाने और चलाने पर विचार किया जायेगा. कोसी मलवरी परियोजना का मकसद यह है कि इससे सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज व कटिहार जिले के लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले. इससे उनके आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
उद्योग विभाग ने साल 2017-18 के बजट में भी बिहार की मशहूर कोसी मलवरी परियोजना पर भी अधिक जोर दिया. इसके लिए 934 एकड़ निजी भूखंड में मलवरी वृक्षारोपण कराने, कीट पालकों के 61 समूहों को सिंचाई के लिए पंप सेट आपूर्ति करने और 132 कीट पालकों को कीट पालन यंत्रों से लैस करने के निर्णय लिये गये.
इस पर काम शुरू कर दिया गया. मनरेगा के तहत जीविका संस्था के माध्यम से मलवरी वृक्षारोपण कराया जा रहा था लेकिन परियोजना के कई कार्यक्रम अधूरे रह गये. इन सभी को नये तरीके से चलाने की तैयारी की जा रही है. विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोसी मलवरी से बने वस्त्रों के उत्पादन से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोसी क्षेत्र की अलग पहचान बनेगी
कीटपालकों की हुई आर्थिक मदद
विभागीय सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने मलवरी रेशम के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2016-17 में भी मलवरी के कीटपालकों को 12.47 करोड़ रुपये दिये. यह सहायता उनको मुख्यमंत्री कोसी मलवरी परियोजना के अंतर्गत दी गयी. यह पैसे संबंधित कीटपालकों ने कीटपालन संबंधी कार्यों में खर्च किये.

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