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1317 हाइ व प्लस टू स्कूलों की होगी जांच

पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) अब 1317 और स्कूलों की जांच शुरू करने जा रही है. इनमें 715 हाइस्कूल और 602 प्लस टू स्कूल (इंटर कॉलेज) शामिल हैं. जांच में मानक पूरा नहीं करनेवाले स्कूलों की संबद्धता को रद्द कर दिया जायेगा. इससे पहले बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले के आरोपित बोर्ड के […]

पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) अब 1317 और स्कूलों की जांच शुरू करने जा रही है. इनमें 715 हाइस्कूल और 602 प्लस टू स्कूल (इंटर कॉलेज) शामिल हैं. जांच में मानक पूरा नहीं करनेवाले स्कूलों की संबद्धता को रद्द कर दिया जायेगा. इससे पहले बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले के आरोपित बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह के समय संबद्धता प्राप्त 212 स्कूलों व इंटर कॉलेजों में से 174 की संबद्धता रद्द कर चुका है.

इन 1317 स्कूलों की जांच संबद्धता विनियमावली, 2011 के विनियम तीन के उपनियम चार के कंडिका के तहत की जायेगी. संबद्धता नियम तीन में स्कूलों के लिए कुछ मानक बनाये गये हैं. समिति के अनुसार सैकड़ों ऐसे स्कूल और इंटर कॉलेज हैं, जो 20 से 25 साल पहले खोले गये. लेकिन, इनकी जांच नहीं हुई है. संबद्धता नियमावली, 2011 बनने के बाद इन तमाम स्कूल-कॉलेजों को तीन साल का समय दिया गया था कि ये मानक पूरा कर लें. अब उस नियमावली के अंतर्गत इन कॉलेजों की जांच की जायेगी. ज्ञात हो कि 212 स्कूल और इंटर कॉलेजों की जांच के बाद पटना हाइकोर्ट ने बिहार बोर्ड को राज्य के सभी इंटर स्तरीय शिक्षण संस्थानों की जांच करने का आदेश दिया था.

स्थलीय निरीक्षण का बनाना है वीडियो
जांच टीम को स्थलीय निरीक्षण के साथ भौतिक सत्यापन करना है. निरीक्षण के दौरान फोटोग्राफी और वीडियाे रेकाॅर्डिंग करवायी जायेगी. वीडियोग्राफी और फोटाेग्राफी पर आनेवाला खर्च बोर्ड वहन करेगा.
90% स्कूल-इंटर कॉलेज नहीं करते हैं मानक पूरा
बोर्ड सूत्रों की मानें, तो जिन स्कूलों व इंटर कॉलेजों की जांच करवायी जायेगी, उनमें से 90% ऐसे हैं, जो संबद्धता विनियमावली 2011 के मानकों को पूरा नहीं करते हैं. सैकड़ों कॉलेज एक कमरे या बस कागज पर चल रहे हैं. एेसे कई कॉलेजों पर हाइकोर्ट ने भी प्रश्नचिह्न उठाया है. ऐसे कॉलेज केवल अनुदान लेते हैं, लेकिन शिक्षा नहीं देते हैं.
आधारभूत संरचना व शर्तों की जांच
बोर्ड ने इन स्कूल-इंटर कॉलेजों की जांच की जिम्मेवारी तमाम जिलों के डीएम को दी है. डीएम जिला स्तर पर जांच टीम का गठन करेंगे. जांच टीम इन तमाम शिक्षण संस्थानों की आधारभूत संरचना एवं संबद्धता की अन्य शर्तों की जांच करेगी. बोर्ड ने जांच टीम को तीन महीने का समय दिया है. तीन महीने के अंदर तमाम जिलाें द्वारा रिपोर्ट तैयार कर ली जायेगी.
तीन महीने के अंदर जांच पूरी की जायेगी. संबद्धता विनियावली 2011 के तहत जांच करवायी जायेगी. मानक पूरा नहीं करनेवाले स्कूलों व इंटर कॉलेजों की संबद्धता रद्द हो जायेगी.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
जांच टीम में ये होंगे
अध्यक्ष
संबंधित अनुमंडल के पदाधिकारी
सदस्य
शिक्षा विभाग के एक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व जिला शिक्षा कार्यालय के एक अन्य पदाधिकारी

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