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नालंदा बर्निंग बस कांड : अपने दो बच्चों को पटना का चिड़ियाघर दिखाने लायी थी मां….

संगीता अपने भाई के सहयोग से खिड़की के रास्ते बाहर निकल गयी, मगर अपने दोनों बच्चों को बचा नहीं पायी बिहारशरीफ : हरनौत बस हादसे में नई सराय के दो बच्चे मोनी कुमारी (11 वर्ष) एवं उसका भाई बिट्टू कुमार (5 वर्ष) की जलने से मौत हो गयी. इन दोनों मृतक बच्चों को क्या पता […]

संगीता अपने भाई के सहयोग से खिड़की के रास्ते बाहर निकल गयी, मगर अपने दोनों बच्चों को बचा नहीं पायी
बिहारशरीफ : हरनौत बस हादसे में नई सराय के दो बच्चे मोनी कुमारी (11 वर्ष) एवं उसका भाई बिट्टू कुमार (5 वर्ष) की जलने से मौत हो गयी. इन दोनों मृतक बच्चों को क्या पता था कि मां से चिड़ियाघर देखने की जिद करना इतना भारी पड़ेगा.
बच्चों की जिद पर संगीता देवी अपने भाई आलोक कुमार को साथ लेकर अपने दोनों बच्चों मोनी व बिट्टू को गुरुवार की सुबह चिड़ियाघर दिखाने के लिए पटना गयीं थीं. पटना से लौटने के क्रम में हरनौत बाजार में यह हादसा हो गया और दोनों बच्चे काल के गाल में समां गये. बच्चों के मामा व संगीता देवी का ममेरा भाई आलोक कुमार बताते हैं कि उसकी बहन और दोनों बच्चे बस में लेडीज सीट पर बैठे हुए थे. लेडीज सीट के पीछे वाली सीट पर आलोक कुमार सोये हुए थे.
हरनौत में अचानक आंख खुली तो बस में चारों ओर धुआं ही धुआं नजर आया. आगे ड्राइवर की सीट की ओर देखा, तो वहां आग लगी हुई थी. आनन-फानन में वह खिड़की का शीशा तोड़ा और बस के बाहर कूद गया. इसके बाद उसने बहन संगीता को खिड़की के माध्यम से बाहर खींच लिया. आग के डर से दोनों बच्चे मोनी कुमारी व बिट्टू कुमार बस के पीछे की ओर भाग गये. आलोक बताते है कि वे दोनों बच्चों को खोजते रहे. पुकारते रहे, मगर दोनों बच्चे पीछे से चीखते व चिल्लाते रहे. फिर आग की लपटें काफी तेज हो गयी और दोनों बच्चों की चीखें भी बंद हो गयी.
नयी सराय मोहल्ले में पसरा मातम
इस हादसे के बाद नयी सराय मोहल्ले में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. पीड़ित परिवार के घर में सब रो रहे हैं. मां की स्थिति काफी खराब है. वह रह रह कर बेहोश हो जाती है.हादसे की खबर सुन कर परिजन व संबंधियों का आना जारी है. दो बच्चों की मौत और उसके बाद संगीता देवी की मानसिक स्थिति बिगड़ने से मोहल्ले के लोग गमगीन है. लोगों की आंखें नम है.
संगीता की मानसिक स्थिति बिगड़ी
अपनी आंखों के सामने दोनों बच्चों को आग में जलते देख संगीता देवी की मानसिक स्थिति बिगड़ गयी है. संगीता को इलाज के लिए शहर के एक निजी क्लिनिक में भरती कराया गया है.
आलोक बताते हैं कि बस में आग लगने के फौरन बाद बस का ड्राइवर व खलासी फरार हो गये. मृतक बच्चों के चाचा अश्विनी कुमार बताते हैं कि उनका भाई व संगीता के पति वीरेंद्र कुमार दिल्ली में प्राइवेट गार्ड की नौकरी करते हैं. अश्विनी कुमार का कहना हे कि यात्री बसों में सुरक्षा मानकों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है. इनकी कभी चेकिंग नहीं की जाती है.

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