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गन्ने की कीमत के केंद्र के फैसले का किया विरोध
पटना : बिहार राज्य ईख कास्तकार संघ ने केंद्र सरकार द्वारा पेरायी सीजन 2017-18 के लिए ईख मूल्य 255 रुपये प्रति क्विंटल तय किये जाने पर विरोध जताया है. संघ का कहना है कि सरकार का यह निर्णय ईख कास्तकारों को कर्ज में फंसाकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाला है. ईख कास्तकार संघ के […]
पटना : बिहार राज्य ईख कास्तकार संघ ने केंद्र सरकार द्वारा पेरायी सीजन 2017-18 के लिए ईख मूल्य 255 रुपये प्रति क्विंटल तय किये जाने पर विरोध जताया है. संघ का कहना है कि सरकार का यह निर्णय ईख कास्तकारों को कर्ज में फंसाकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाला है.
ईख कास्तकार संघ के महासचिव नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि सीजन 2017-18 के ईख मूल्य निर्धारण के लिए केंद्र सरकार के कृषि लागत व मूल्य आयोग की बैठक सात जून, 2016 को दिल्ली के कृषि भवन में हुई थी. इसमें संघ की ओर से प्रति हेक्टयर खर्च का ब्योरा दिया गया था. इसके मुताबिक जुतायी पर 20,030 रुपये, खाद-9,200 रुपये, कीटनाशक दवा-6,500 रुपये, बीज-23,830 रुपये, मजदूरी-17,150 रुपये, सिंचाई-25,350 रुपये, छिलाई-ढुलाई पर 29,625, ब्याज-1500 रुपये, किसान की मजदूरी पर 50 हजार रुपये खर्च आता है. इस तरह 1,96,685 रुपये का खर्च आता है.
उन्होंने कहा कि डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा और प्रधानमंत्री के वायदे के आधार पर लागत का 50 फीसदी यानी 98,342 रुपये जोड़ देने पर यह राशि 2,95,027 रुपये होती है. उन्होंने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर वायदे के अनुरूप 590 रुपये प्रति क्विंटल इसकी कीमत तय करने का अनुरोध किया है.
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