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आसान नहीं समझौता, फंस सकते हैं कई पेच
एससी-एसटी एक्ट के अलग-अलग सेक्शन में मामला दर्ज होने से नहीं है नन-कंपाउंडेवल सेक्शन पटना. राज्य के चर्चित मोटर व्यवसायी निखिल प्रियदर्शी और दलित पूर्व कांग्रेसी मंत्री की बेटी सुरभि के बीच सेक्स, धोखा एवं शोषण के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. दोनों ने कोर्ट में समझौता करते हुए आपसी सहमति से शादी […]
एससी-एसटी एक्ट के अलग-अलग सेक्शन में मामला दर्ज होने से नहीं है नन-कंपाउंडेवल सेक्शन
पटना. राज्य के चर्चित मोटर व्यवसायी निखिल प्रियदर्शी और दलित पूर्व कांग्रेसी मंत्री की बेटी सुरभि के बीच सेक्स, धोखा एवं शोषण के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. दोनों ने कोर्ट में समझौता करते हुए आपसी सहमति से शादी करने का प्रस्ताव पेश किया है. परंतु एससी-एसटी एक्ट में यह मामला दर्ज होने और हाइ-वोल्टेज ड्रामा के बाद इस मामले को समाप्त करना आसान नहीं होगा.
यह मामला अभी कोर्ट में ही चल रहा है, इसलिए कोर्ट तमाम परिस्थिति को देखते हुए किसी तरह का फैसला देने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है. फिर भी एससी-एसटी एक्ट के तहत जिन धाराओं में यह मुकदमा दर्ज किया गया है, वे सभी नन-कंपाउंडेवल सेक्शन नहीं हैं. यानी इन धाराओं में किसी तरह का समझौता करने का कोई प्रावधान ही नहीं है. अगर सेक्शन कंपाउंडेवल होते, तो इनमें दोनों तरफ से समझौते की अर्जी दायर करने पर मामले का पटाक्षेप हो सकता था.
अब अगर दोनों समझौते के लिए अर्जी देते हैं, तो पीड़ित लड़की सुरभि और इस मामले में सभी गवाहों को कोर्ट में यह कहना पड़ेगा कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है. लड़की को भी यह कहना पड़ सकता है कि इस तरह की वारदात या अत्याचार से जुड़ी वे सभी बातें उसके साथ नहीं हुई है, जो एफआइआर और 164 के बयान में उसने दर्ज कराया है. अगर इस तरह की बात वह स्वीकार करती है, तो उस पर भी फर्जी मुकदमा करने का मामला दर्ज हो सकता है. इस मामले में जितनी भी धाराएं जोड़ी गयी हैं, उनमें एक भी कंपाउंडेबल (समझौता योग्य) सेक्शन नहीं होने के कारण समझौता करना इतना आसान नहीं होगा.
इसके अलावा पुलिस महकमे में कमजोर वर्ग आइजी के स्तर पर इस मामले की समुचित मॉनीटरिंग की जा रही है. साथ ही इस मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी ने अभी अपनी जांच पूरी नहीं की है. जांच रिपोर्ट तैयार होने या इस मामले में अंतिम निष्कर्ष निकलने तक जांच जारी ही रहेगी.
जारी रहेगी सीआइडी की जांच
पूरी जांच प्रक्रिया की देखरेख करने वाली सीआइडी का भी कहना है कि उसके स्तर पर मामले की जांच चलती रहेगी, जब तक पूरी हकीकत सामने नहीं आ जाती. लड़की पहले ही दो सर्टिफिकेट दे चुकी है, जिसमें एक के अनुसार वह नाबालिग है, तो दूसरे के अनुसार बालिग. इन तमाम पहलूओं पर अभी अंतिम जांच बाकी है.
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