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हिंदी साहित्य सम्मेलन की गतिविधियों से साहित्यकारों में रोष : डॉ अंजनी
पटना : बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन की गतिविधियों से साहित्यकारों में रोष है. सम्मेलन के अध्यक्ष सह संरक्षक सदस्य डॉ अंजनी कु अंजान ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि तथाकथित अध्यक्ष अनिल सुलभ के साहित्यिक गतिविधियों में भागीदारी से बिहार के साहित्यकारों में रोष है. लगभग सात महीने जेल में रहने के बावजूद वे तथाकथित […]
पटना : बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन की गतिविधियों से साहित्यकारों में रोष है. सम्मेलन के अध्यक्ष सह संरक्षक सदस्य डॉ अंजनी कु अंजान ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि तथाकथित अध्यक्ष अनिल सुलभ के साहित्यिक गतिविधियों में भागीदारी से बिहार के साहित्यकारों में रोष है. लगभग सात महीने जेल में रहने के बावजूद वे तथाकथित अध्यक्ष पद पर काबिज हैं. जबकि नियमावली के अनुसार उनकी सदस्यता समाप्त हो जानी चाहिए.
अध्यक्ष पद के चुनाव में उन्होंने फर्जीवाड़ा कर खुद परिणाम घोषित कर लिया जबकि एकमात्र प्रतिद्वंद्वी अंजनी स्वयं थे. उन्होंने बताया कि 200 विद्यार्थियों को उन्होंने सम्मेलन का सदस्य बना दिया और सदस्यता शुल्क एक हजार से बढ़ा कर 11 हजार कर दिया. सम्मेलन के परिसर में मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि की शाखा खोल दिया गया. इस कारण सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे.
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