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राजस्थान से मुक्त कराये गये 91 बाल श्रमिक पटना पहुंचे
पटना : प्रदेश के विभिन्न जिलों से बच्चों को बहला-फुसला कर राजस्थान के जयपुर ले जाया गया था, जहां चूड़ी कारखाना, कालीन और साड़ी के कारखानों में लगा दिया गया था. इन कारखानों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव तो था ही, साथ ही आठ घंटे से अधिक काम लिया जा रहा था. बाल श्रमिकों को […]
पटना : प्रदेश के विभिन्न जिलों से बच्चों को बहला-फुसला कर राजस्थान के जयपुर ले जाया गया था, जहां चूड़ी कारखाना, कालीन और साड़ी के कारखानों में लगा दिया गया था. इन कारखानों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव तो था ही, साथ ही आठ घंटे से अधिक काम लिया जा रहा था. बाल श्रमिकों को मुक्त कराने को लेकर एक्शन एड की सहयोगी संस्था राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण ने साझा अभियान चलाया, जिसमें सूबे के विभिन्न जिलों के 91 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया. इन बच्चों को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस से मंगलवार को पटना जंकशन लाया गया.
मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों में पटना के 19, गया के 16, समस्तीपुर के 15, वैशाली के सात, कटिहार के चार, नवादा व मधुबनी के दो-दो और नालंदा जिले का एक बच्चा शामिल है. इन बच्चों को अभिभावकों की जानकारी में कारखाना ले जाया गया था. इनके अलावा 25 गुमशुदा बच्चे भी मिले. इनमें गया जिले के 13, समस्तीपुर व नालंदा के तीन-तीन, सीतामढ़ी व बेगूसराय के दो-दो और नवादा व पटना का एक-एक बच्चा शामिल है.
जयपुर से पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल अजय मेहेरदा, मोती लाल मीणा, बबन मिश्र, भगवत शर्मा और गुरु शेखरण के अलावा छह सदस्यीय सुरक्षा बल के साथ इन बच्चों को पटना तक लाया गया. एक्शन एड बिहार के प्रतिनिधि पंकज श्वेताभ ने बताया कि बाल श्रमिकों को मुक्त कराने में बाल अधिकार संरक्षण के तहत साझा अभियान चलाया गया. इसमें विजय गोयल की अहम भूमिका रही.
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