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मॉनीटरिंग के अभाव में बढ़ रहा है शहर में प्रदूषण

पटना : शहर में दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. मार्च से अप्रैल महीने में वायु प्रदूषण 249 के स्तर पर रही है. जबकि आर्दश स्थिति 60 है. ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े तो फिर भी संतोषजनक है. लेकिन गंगा जल के प्रदूषण को देखें, तो यह सबसे अधिक प्रदूषित है. गंगाजल में जीवाणुओं की […]

पटना : शहर में दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. मार्च से अप्रैल महीने में वायु प्रदूषण 249 के स्तर पर रही है. जबकि आर्दश स्थिति 60 है. ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े तो फिर भी संतोषजनक है.
लेकिन गंगा जल के प्रदूषण को देखें, तो यह सबसे अधिक प्रदूषित है. गंगाजल में जीवाणुओं की संख्या आदर्श स्थिति पांच हजार को भी पार कर चुकी है. बावजूद इसके इसे नियंत्रित करने वाले अधिकारी सजग नहीं है. यही कारण है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जिलाधिकारी व थानाप्रभारी द्वारा बनायी कमेटी तक काम नहीं कर रही है.
बीते दो महीने में अब तक एक भी थानाप्रभारी द्वारा न ताे वायु प्रदूषण संबंधी कोई कार्रवाई किया गया है और न ही ध्वनि प्रदूषण संबंधी. इतना ही नहीं, बीते अप्रैल महीने में पटना जिले के पांच प्रमंडलों में कुल 105 ईंट -भट्ठों पर प्राथमिकी तो दर्ज करायी है. दर्जनों ईंट भट्ठा अब भी बिना स्वच्छतर तकनीक के ही चलाये जा रहे हैं. मॉनीटरिंग के अभाव में शहर में प्रदूषण अपना पैर पसार रही है.
नहीं हो रही कार्रवाई : बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से इस दिशा में न तो कोई दिशा -निर्देंश जारी किया जा रहा है और न ही कोई जागरूकता कार्यक्रम. इस काम में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के वल मूक दर्शक बना हुआ है. वायु और ध्वनि प्रदूषण से निबटने के लिए अलग-अलग पदाधिकारियों को नामित किया गया है.

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