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दो माह से नहीं मिल रहा नयी दवा दुकानों को लाइसेंस
पटना : इस साल मार्च से राज्य में नयी दवा दुकानों के लाइसेंस पर रोक लगा दी गयी है. इसके कारण राज्य में एक भी नया दवा दुकानों का लाइसेंस जारी नहीं हो रहा है. साथ ही पुरानी दवा दुकानों के रिन्युअल भी नहीं किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने नया सिस्टम लागू करने […]
पटना : इस साल मार्च से राज्य में नयी दवा दुकानों के लाइसेंस पर रोक लगा दी गयी है. इसके कारण राज्य में एक भी नया दवा दुकानों का लाइसेंस जारी नहीं हो रहा है. साथ ही पुरानी दवा दुकानों के रिन्युअल भी नहीं किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने नया सिस्टम लागू करने के नाम पर दवा दुकानों के लाइसेंस पर रोक लगाया है.
सरकार के इस निर्णय से राज्य में निबंधित 40 हजार दवा दुकानदार उलझ गये हैं. साथ वैसे लोग लाइसेंस का इंतजार कर रहे हैं जिन्होंने महंगे दर पर दुकान के लिए मकान किराये पर ले रखा है. इसको लेकर बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (बीसीडीए) के सदस्यों में आक्रोश है.
बीसीडीए के महासचिव अमरेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य में 2 मार्च, 2017 से ही दवाओं के लाइसेंस पर रोक लगा दी गयी है. इसको लेकर एसोसिएशन की ओर से स्वास्थ्य मंत्री व विभाग के अपर सचिव को लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया गया था. अभी तक राज्य सरकार द्वारा नया लाइसेंस देने और पुराने का रिन्युअल करने पर रोक जारी है.
दवा दुकानदारों की परेशानी है कि उनको हर पांच साल पर दुकानों का रिन्युअल करना है. इसके अलावा पार्टनरशिप विवाद के कारण नया लाइसेंस लेना होता है. इसके अलावा पहली जुलाई से जीएसटी के लागू हो जाने के बाद दवा कारोबारियों को अपने लाइसेंस में परिवर्तन कराना पड़ सकता है.
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