पक्ष व विपक्ष इनके ही इर्द-गिर्द घूमता रहा, उनको भी एक ही चुनाव चिह्न मिल गया है. इसमें निर्वतमान मेयर अफजल इमाम की पत्नी महजबीं और विनय कुमार पप्पू को एक ही चुनाव चिह्न ताला-चाबी मिला है. इसके अलावा सशक्त स्थायी समिति की मेंबर रहीं आभा लता व अर्जुन कुमार यादव की पत्नी किरन देवी को भी ताला-चाबी का ही निशान मिला है. इसके अलावा कभी मेयर पद के लिए उम्मीदवार रहे जीत कुमार को भी ताला-चाबी निशान मिला है. फिर वार्ड 10 के पार्षद रहे सुनील कुमार की पत्नी गीता देवी को भी ताला-चाबी का निशान मिला है. इसके अलावा चाचा चाची, भैया भाभी, छाप हमारा ताला-चाबी व ताला-चाबी लगाना है, वार्ड की सुरक्षा बढ़ाना है. इस प्रकार के नारे तैयार किये जा रहे हैं. प्रत्याशियों की मेहनत देख कर हर वार्ड के लोगों में चर्चा है कि पार्षद महोदय पहले से इतनी मेहनत करते, तो पूरा वार्ड ही चमक जाता. प्रत्याशी सुबह छह बजे से ही चुनावी संपर्क में जुट जा रहे हैं. वार्ड से सभी घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
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चुनाव चिह्न मिलते ही घर-घर पहुंचने लगे प्रत्याशी चिह्न के साथ मिला कर नारा भी हुआ तैयार
पटना : चुनाव चिह्न मिले दो दिन हो चुके हैं. सभी वार्डाें में प्रत्याशियों का प्रचार अपने शबाब पर है. चुनाव चिह्न के साथ वार्ड के सभी घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. कागज पर बने इवीएम पर अपने-अपने चुनाव चिह्न व इवीएम में उसका स्थान दिखा कर वोट करने की अपील […]
पटना : चुनाव चिह्न मिले दो दिन हो चुके हैं. सभी वार्डाें में प्रत्याशियों का प्रचार अपने शबाब पर है. चुनाव चिह्न के साथ वार्ड के सभी घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. कागज पर बने इवीएम पर अपने-अपने चुनाव चिह्न व इवीएम में उसका स्थान दिखा कर वोट करने की अपील की जा रही है. कुछ पार्षदों ने अपने चुनाव चिह्न को मिला कर अपने प्रचार का नारा भी तैयार कर लिया है. वार्ड में रोड शो के दौरान अब यही नारे गूंज रहे हैं. सुबह छह बजे से ही प्रत्याशी चुनावी कैंपेन में लग जा रहे हैं, जो देर रात तक जारी रहता है.
पिछले कई प्रत्याशियों के लिए लकी रहा है ताला-चाबी
सबसे अधिक चर्चा चुनाव चिह्न ताला-चाबी को लेकर है. ऐसी चर्चा है कि जिन लोगों को पिछली बार इस चिह्न का आवंटन किया गया था, लगभग वे सभी लोग चुनाव जीत गये थे. यह चिह्न काफी लकी माना जाता रहा है. इस बार भी ये चुनावी चिह्न पहले से चर्चा में रहे कई पार्षदों को मिला है. इसमें इत्तफाक की बात है कि जो बीते पांच वर्ष तक निगम चुनाव में दो धुरी बन कर रहे.
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