पटना: निगम क्षेत्र से डोर-टू-डोर कचरा उठाव का सपना पूरा होते नहीं दिख रहा है. दरअसल 15 दिनों पहले टेंडर खुला, लेकिन अब तक एजेंसी का चयन नहीं किया जा सका है. अगर 31 मार्च तक योजना को पूरा नहीं किया गया, तो केंद्र सरकार से आवंटित राशि भी लौटानी पड़ेगी.
इस स्थिति में कचरा प्रबंधन योजना पर ग्रहण लगने की पूरी आशंका है. वर्ष 2008 में भारत सरकार की नुरूम योजना के तहत राशि आवंटन की गयी. दिसंबर 2009 में एक निजी एजेंसी को कचरा उठाव को लेकर आउटसोर्स किया गया, लेकिन सफल नहीं हुआ.
इसके बाद हाईकोर्ट की फटकार लगी, तो निगम प्रशासन जोर-शोर से योजना को धरातल पर उतारने में लग गया. इसको लेकर तीन माह पहले टेंडर निकाला गया और टेंडर भी खोल दिया गया, लेकिन अब तक एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है. अब 12 दिन शेष बच गये हैं. कचरा के प्रोपर ट्रीटमेंट को लेकर बैरिया स्थित डंपिंग यार्ड में रिसाइकिलिंग प्लांट लगाया जाना है. इसकी जिम्मेवारी बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रर डेवलपमेंट प्रा लि (बुडको) को दी गयी है. लेकिन, बुडको की ओर से अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है. कचरा उठाव के लिए एजेंसी चयन होने पर उसे कहां गिराया जायेगा, यह भी स्पष्ट नहीं है. डंपिंग यार्ड के कचरे को समतल बना कर मिट्टी डालना है. निगम सूत्र बताते हैं कि टेंडर खोल कर एजेंसियों का मूल्यांकन किया जा रहा है. मूल्यांकन का काम पूरा नहीं किया गया है. इससे मामला अटका हुआ है.