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1 करोड़ 37 लाख परिवार स्वास्थ्य बीमा से वंचित
पटना : राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले परिवारों को बीमा के तहत मिलनेवाली स्वास्थ्य सेवा दो माह से ठप हो गयी है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य के एक करोड़ 37 लाख परिवारों को सलाना 30 हजार का मुफ्त चिकित्सा निजी अस्पतालों में मिलती है. इस योजना के लाभार्थी बीड़ी मजदूर, […]
पटना : राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले परिवारों को बीमा के तहत मिलनेवाली स्वास्थ्य सेवा दो माह से ठप हो गयी है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य के एक करोड़ 37 लाख परिवारों को सलाना 30 हजार का मुफ्त चिकित्सा निजी अस्पतालों में मिलती है.
इस योजना के लाभार्थी बीड़ी मजदूर, बीपीएल परिवार, राजमिस्त्री, कामगार, घरेलू नौकर सहित अन्य पंजीकृत गरीबों को इलाज के साथ मुफ्त दवा और अस्पताल आने-जाने के लिए भाड़ा भी दिया जाता है. पिछले छह माह से राज्य के असंगठित क्षेत्र के गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ भरपूर नहीं मिल रहा है. कंपनियों के बीमा की अवधि समाप्त हो गयी है.
इसे कुछ समय के लिए विस्तारित करके 31 मार्च, 2017 तक किया गया था. अप्रैल से राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के तहत पंजीकृत कंपनियों का एग्रीमेंट समाप्त होने से गरीब परिवारों का मुफ्त इलाज की सुविधा बंद हो गयी है.
इधर विधानसभा में सरकार ने 26 मार्च को जवाब कहा था कि अप्रैल माह से गरीबों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से 30 हजार की जगह एक लाख सलाना का मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. इस योजना में बीमा की राशि में केंद्र सरकार द्वारा 75 फीसदी जबकि राज्य सरकार द्वारा 25 फीसदी प्रीमियम की राशि दी जाती है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए गराब परिवारों का पहले निबंधन कर उनका इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाता है.
इस कार्ड के आधार पर निबंधित निजी व सरकारी अस्पतालों में सलाना 30 हजार तक प्रति परिवार मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. राज्य में सरकार द्वारा पिछले साल मात्र 68 लाख 99 हजार परिवारों का ही पंजीकरण किया गया था. केंद्र सरकार के एसइसीसी के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 95 लाख ऐसे लाभार्थी है. राज्य सरकार एक करोड़ 37 लाख लाभुकों की संख्या मानती है. इस मामले पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम पदाधिकारी डा वाइएन पाठक ने बताया कि सेवा बहाल करने के लिए प्रॉसेस किया जा रहा है. यह सुविधा जल्द ही बहाल की जायेगी.
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