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दो से ज्यादा बच्चे बने जंजाल, पार्षद बनने के सपने पर फिर सकता है पानी
पटना : नगर पालिका चुनाव के लिए नामांकन के बाद स्क्रूटनी शुरू हुई और अजब-गजब शिकायतों की जांच की जाने लगी है. गुरुवार को जब इन शिकायतों पर निर्वाची पदाधिकारी ने जांच पड़ताल शुरू की तो कहीं रिश्तों की उलझन दिखायी दी, तो कहीं मामला विशेष जांच की ओर बढ़ रहा है. इसके अलावे जुलूस, […]
पटना : नगर पालिका चुनाव के लिए नामांकन के बाद स्क्रूटनी शुरू हुई और अजब-गजब शिकायतों की जांच की जाने लगी है. गुरुवार को जब इन शिकायतों पर निर्वाची पदाधिकारी ने जांच पड़ताल शुरू की तो कहीं रिश्तों की उलझन दिखायी दी, तो कहीं मामला विशेष जांच की ओर बढ़ रहा है. इसके अलावे जुलूस, चुनावी खरचे और तामझाम को लेकर भी कंप्लेन पहुंच रहे हैं. अब निर्वाची पदाधिकारी इन शिकायतों पर अपना सर पकड़ ले रहे हैं और आॅब्जर्वर से मंतव्य मांग रहे हैं. यह क्रम अब कल भी चलेगा.
स्क्रूटनी के पीछे की दिलचस्प कहानी
फुलवारीशरीफ के वार्ड संख्या 9 में मल्लिका तरन्नुम ने परचा भरा है. उनके मुताबिक उनके तीन बच्चे हैं और अंतिम बच्चा 2008 अप्रैल के पहले हुआ है. वहीं उनके एक प्रतिद्वंद्वी यास्मीन बानो के प्रस्तावक एजाज हुसैन ने निर्वाची पदाधिकारी को शिकायत करते हुए कहा कि उनके चार बच्चे हैं.
उन्होंने बतौर सबूत सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण यानी एसइसीसी के कागजात भी पेश किये हैं. मल्लिका तरन्नुम के पति कहते हैं कि जिस चौथे बच्चे की बात की जा रही है, वह उनका भतीजा है.
फुलवारीशरीफ के ही वार्ड आठ की एक प्रत्याशी आफरीन रिजवी के बारे में भी निर्वाची पदाधिकारी को शिकायत मिली है कि उन्हें तीन बच्चे हैं. एक बच्चा 2008 के बाद का है. इनका नामांकन अवैध कहते हुए इसे रद्द करने की मांग की गयी है. शिकायतकर्ता का कहना है कि बच्चों के बारे में गलत सूचना देकर परचा भरा गया है.
ये हैं कानूनी पेच
बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत 4 अप्रैल, 2008 के बाद तीसरे बच्चे का जन्म हुआ हो, तो नहीं लड़ सकते चुनाव इसके पहले से तीसरी या चौथी संतान है, तो इस कानून का प्रभाव नहीं होगा फुलवारी के वार्ड नौ और वार्ड आठ के मामले में चुनाव आयोग के आब्जर्वर ने हमें बताया है कि अब शिकायतकर्ता से बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र मांगे जायेंगे. यदि इसे जमा किया गया, तो स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. इसके बाद ही नामांकन रिजेक्ट हो सकेगा.
आलोक कुमार, सदर एसडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी, फुलवारीशरीफ
क्या कहता है नियम?
दो बच्चेवाले को ही लड़ना है नगरपालिका का चुनाव
बिहार में होनेवाले आम नगरपालिका चुनाव 2017 में आरक्षण रोस्टर बदलने से उम्मीदवारी की पात्रता बदल गयी है. अब दो से अधिक संतानवाले भी चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं.
बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत चार अप्रैल 2008 के बाद तीसरी या चौथी संतान के जन्म होने की स्थिति में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे हालांकि जुड़वां बच्चे के जन्म लेने के कारण तीन संतान हैं, तो यह कानून लागू नहीं होगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने आम नगरपालिका चुनाव 2012 में दो से अधिक संतानवालों को चुनाव लड़ने की पात्रता समाप्त करने संबंधी कानून को पहली बार लागू किया था. 2017 के चुनाव में इस कानून के दायरे में दो से अधिक संतानवाले प्रभावित हुए हैं.
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